प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इस आशय के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश में लिखा है कि शिक्षक भर्ती 2016 और 2018 के अंतर्गत तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल और द्वितीय के पदों पर सीधी भर्ती के लिए उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को राजकीय सेवाओं की भर्तियों में कुल रिक्तयों के 2 प्रतिशत रिक्तयों पर आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। विभाग की ओर से पंचायती राज नियम 277 ( क) में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अभ्यर्थियों को प्रोविजनल चयन किया गया था। इसके लिए दस्तावेज सत्यापन कर पात्रता सुनिश्चित करते हुए नियुक्ति व पद स्थापना की कार्रवाई सम्बन्धित जिला परिषद की ओर से की जाती है।
शिक्षा विभाग के यह नोटिस में आया है कि शिक्षक भर्तियों के अंतर्गत उत्कृष्ट खिलाड़ी के रूप में चयनित अभ्यर्थियों के खेल प्रमाण पत्रों की बिना जांच ही नियुक्तियां दे दी गई। राज्य स्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिताओं में अभ्यर्थियों के विजेता होने के प्रमाण पत्रों के आधार पर ही अभ्यर्थियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी के रूप में नियुक्ति दे दी गई, जबकि उन प्रमाण पत्रों की जांच तक नही की गई।
विशेष दल का गठन अब खिलाड़ी कोटे से लगे सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी। इसके लिए विशेष जांच दल का गठन होगा। यह जांच एक माह के भीतर की जाएगी। यदि किसी खिलाड़ी का प्रमाण -पत्र सही नहीं मिला तो उसकी नियुक्ति निरस्त की जाएगी। यही नहीं ऐसे अपात्र अभ्यर्थियों को दी गई अनियमित नियुक्ति के लिए जिम्मेवार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अलवर के शारीरिक शिक्षक जुबेर खान ने एनसीटीई को शिकायत की थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया।