अलवरPublished: May 25, 2023 11:52:15 pm
Kailash Sharma
रकबर का कोई परिजन नहीं आया कोर्ट में° अलवर एडीजे संख्या-एक कोर्ट ने सुनाया फैसला
अलवर. रकबर मॉब lynching मामले में गुरुवार को अलवर एडीजे संख्या-एक कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। प्रकरण में सरकार की ओर से नियुक्त विशिष्ट लोक अभियोजकों ने न्यायालय के फैसले को सर्वोपरि माना है, लेकिन दंडादेश से असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि इस गंभीर प्रकरण में अभियुक्तों को कम सजा दी गई है। उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए थी। न्यायालय के इस दंडादेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने के लिए सरकार को लिखा जाएगा। वहीं, मुल्जिम पक्ष के वकील भी इस दंडादेश से असंतुष्ट नजर आए। उनका कहना है कि सभी मुल्जिमों को बरी किया जाना चाहिए था।
आजीवन कारावास होना चाहिए था
&रकबर मॉब ङ्क्षलङ्क्षचग प्रकरण में न्यायलाय की ओर से मुल्जिमों को आईपीसी की धारा 304-ए में सजा दी गई है। इससे वे संतुष्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के हिसाबस से मुल्जिमों को आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए थी। वहीं, धारा 304-ए में भी अभियुक्तों को कम सजा दी गई है। मुल्जिम नवल किशोर को भी बरी होने लायक नहीं था। इसमें मेरा सरकार को सुझाव रहेगा कि वे रकबर मॉब ङ्क्षलङ्क्षचग प्रकरण में हाईकोर्ट में अपील करे।
- नासिर अली नकवी, स्पेशल पीपी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता,जयपुर