रक्षाबंधन के मौके पर अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों को जब उनकी बहन याद आई तो सेवा कर रहे नर्सिंग कर्मियों ने बहन का फर्ज निभाया।
सर्जिकल आईसीयू में भर्ती मरीज को जब बहन की राखी याद आने लगी तो यहां कार्यरत नर्सिंग कर्मी प्रेमलता ने अपने हाथों से राखी बांधी और उनकी सलामती की दुआ मांगी। जब नर्सिंग कर्मी ने कलाई पर राखी बांधी तो उनको बहन की याद सताने लगी। वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों को भी नर्सिंग कर्मी महिला ने राखी बांधी और बहन का फर्ज निभाया।
रक्षा सूत्र बांधने के बाद जब इन भाइयों ने कुछ देना चाहा तो नर्सिंग कर्मी महिला ने इंकार कर दिया। उनका कहना था कि आज हमें दुआओं की जरूरत है जो इस बीमारी से सबको बचा सके।
कोरियर सेवा बंद, सूनी रह गई भाई की कलाई स्कीम नंबर 10 निवासी संजय अग्रवाल की कलाई रक्षाबंधन पर सूनी ही रह गई। दरअसल, कोरियर सेवा बंद होने से इनकी राखी इनको नहीं मिल पाई। यह राखी नागपुर में रहने वाली उनकी बड़ी बहन ने 27 जुलाई को एक बड़ी के कोरियर कंपनी से अलवर के लिए डिलीवर करवाई थी। जो 29 जुलाई को दिल्ली पहुंच गई दिल्ली से इसे जयपुर भेज दिया गया। जब ऑनलाइन डिलीवरी का स्टेटस देखा तो पिछले 4 दिनों से या डिलीवरी जयपुर में ही दिखाई गई। इसके चलते कोरियर कंपनी यह राखी अलवर नहीं पहुंचा पाई। ऐसे में संजय अग्रवाल को बहन की राखी समय पर ना मिलने का काफी दुख हुआ। काफी इंतजार के बाद में उन्होंने दूसरी बहन से राखी बंधवाई।