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राजस्थान में यहां रेप पीडि़ताओं की पहचान उजागर होने का खतरा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं है गंभीर

locationअलवरPublished: Jun 07, 2019 06:15:47 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि रेप पीडि़ताओं की पहचान उजागर ना हो, लेकिन अलवर में उनकी पहचान उजागर होने का खतरा है।

Rape Victim's Identity Exposing In Alwar

राजस्थान में यहां रेप पीडि़ताओं की पहचान उजागर होने का खतरा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं है गंभीर

अलवर. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर अलवर का चिकित्सा महकमा गंभीर नहीं है। अलवर में दुष्कर्म पीडि़़त युवतियों को मेडिकल करवाने के लिए कभी जनाना अस्पताल तो कभी
सामान्य चिकित्सालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में इनकी पहचान उजागर होने का अंदेशा रहता है। अलवर शहर व ग्रामीण थानों से दुष्कर्म पीडि़त महिलाओं का मेडिकल परीक्षण सामान्य चिकित्सालय में जनाना अस्पताल की महिला चिकित्सक आकर करती हैं।
इसी दौरान मेडिकल ज्यूरिष्ट कक्ष में अन्य मेडिको लीगल रिपोर्ट व स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनवाने का कार्य भी चलता रहता है। जिसके कारण आमजन व अन्य पुलिस कर्मियों का भी आना जाना लगा रहता है।
ऐसे में दुष्कर्म पीडिता की पहचान उजागर होने का अंदेशा रहता है। प्रेम सम्बंधों के चक्कर में घर से भाग जाने वाली युवतियों को दस्तयाब करने के बाद बाल कल्याण समिति के निर्देश पर पहले सामान्य चिकित्सालय में पीएमओ के पास ले जाया जाता है। पीएमओ के निर्देश पर युवतियों को जनाना अस्पताल ले जाया जाता है जहां पर भीड़ या कतार में खड़ी अन्य महिलाओं के सामने ही महिला चिकित्सक इनका नाम पता पूछती है।
इसके बाद इन्हें फिर से सामान्य चिकित्सालय में स्थित मेडिकल ज्यूरिष्ट के पास ले जाया जाता है। जब तक दूसरे लोगों का मेडिकल चलता है या फिर डाक्टर पोस्टमार्टम करने में व्यस्त रहते हैं। तब तक महिलाओं व युवतियों को भी इसी कक्ष में खड़ा रहना पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अलग से हो व्यवस्था

सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार ऐसे प्रकरणों के लिए अलग से कमरे की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे पीडिता को भटकना नहीं पड़े और उसकी गोपनीयता भी बनी रहे। चूंकि ऐसे मामलों में महिला चिकित्सक की भूमिका अधिक रहती है, इसलिए जनाना अस्पताल में ही मेडिकल कक्ष बनाकर वहां पर ही मेडिकल होना चाहिए। गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित चिकित्सालयों में महिला चिकित्सक का पद रिक्त होने या अवकाश पर होने के कारण पीडित महिलाओं को जिला मुख्यालय पर स्थित चिकित्सालय में परीक्षण के लिए रैफर कर दिया जाता है। गांव से शहर तक आने में भी पहचान उजागर होने का खतरा बना रहता है। चिकित्सा प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में महिला चिकित्सक के रिक्त पदों को भरने का प्रयास करना चाहिए।
मेडिकल को लेकर सख्त निर्देश

दुष्कर्म पीडि़ताओं के मेडिकल को लेकर सख्त निर्देश दिए हुए हैं। यदि फिर भी कोई लापरवाही होती है तो ऐसे लोगों का बख्शा नहीं जाएग। पूर्व में भी इस संबंध में विशेष निर्देश दिए हुए हैं।
ओमप्रकाश मीणा, सीएमएचओ, अलवर
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