ग्रामीण त्रिलोक नरुका, गुमान सिंह व मान सिंह का कहना है कि सरकारी विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने का मकसद यहां अच्छी पढ़ाई होना है। लेकिन अध्यापकों ने बच्चों का भविष्य और उनके सपने तोड़ दिए। यहां 12 कक्षाएं हैं और शिक्षकों की संख्या 15 है, शेष 6 लैब इत्यादि में काम करते हैं। इसके बावजूद परीक्षा परिणाम निराशाजनक है। सरपंच बाबूलाल शर्मा ने बताया विद्यालय का स्टॉफ उदासीन है।
चूरु में इससे भी बुरे हाल अलवर में 21 अध्यापकों ने इन बच्चों को पढ़ाया, उनमें से केवल 26 ही पास हो सके। चूरु के हाल तो इससे भी खराब हंै, चूरु की ग्राम पंचायत कातर छोटी स्थित राजकीय आर्दश माध्यमिक विद्यालय कातर बड़ी में सत्र 2018-19 में कुल नौ विद्यार्थियों में से महज एक विद्यार्थी 10 वीं की परीक्षा में पास हुआ है। चार फेल हो गए, जबकि चार अन्य की सप्लीमेंट्री आई है।