थानाधिकारी करणसिंह राठौड़ ने बताया कि एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के. के. शर्मा की ओर से दर्ज कराए गए मामले के बाद पुलिस ने सहायक अभियंता मीना व भगाने में शामिल आरोपितों की तलाश में कई गांवों में दबिश दी, लेकिन सहायक अभियंता को सुराग नहीं लगा।
उन्होंने बताया कि दबिश के दौरान वाहन चालक बनेसिंह को गिरफ्तार कर लिया। जिसे गुरुवार को अदालत में पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया। सहायक अभियंता के गांव मंड़ावर थाना क्षेत्र में भी एक टीम भेजकर जांच करवाई जा रही है। एसीबी के एएसपी ्रने बताया कि निगम कार्यालय से वीसीआर बुक व कैमरा जब्त कर जांच शुरू कर दी गई है।
इस संबंध में मामला भी दर्ज कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि एसीबी की टीम ने बुधवार दोपहर को निगम कार्यालय में सहायक अभियंता मीना को आवास में वीसीआर नहीं भरने की एवज में दस हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया था, लेकिन गाड़ी से ले जाते समय ग्रामीणों ने सहायक अभियंता को टीम से छुड़ाकर भगा दिया था। जिस पर एसीबी के एएसपी ने थाने में सहायक अभियंता मीना, चालक बनेसिंह, गार्ड शिवराम सहित 70-80 लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मामला दर्ज करवाया था।
कर्मचारियों से की पूछताछ : सहायक अभियंता को रिश्वत प्रकरण में एसीबी द्वारा पकड़े जाने के बाद गुरुवार को कार्यालय पहुुंचे चीफ इंजीनियर टी. एन. सामरिया ने कर्मचारियों से शिकायतकर्ता के विद्युत कनेक्शन को लेकर पूछताछ की। सामरिया ने सहायक राजस्व अधिकारी राजेश शर्मा, कनिष्ठ अभियंता अखिलेश मीना व अन्य कर्मचारियों की बैठक लेकर एसीबी में शिकायत दर्ज कराने वाले परिवादी विजयसिंह मीना के व्यावसायिक श्रेणी के कनेक्शन व मीटर बदलवाने को लेकर पूछताछ की।