अशोका टाकीज से नेहरू गार्डन के बीच सडक़ बनाने से पहले राजस्थान पत्रिका ने यह प्रमुखता से यह सवाल उठाया था कि अच्छी खासी सडक़ को दुबारा बनाया जा रहा है। जो एक तरह से बजट ठिकाने लगाने का काम है। अब उस पर मुहर भी लग गई है। नई बनाई गई सडक़ तो बिखर गई और पुरानी सडक़ पहले जैसी है। नई सडक़ पूरी तरह से बिखर गई है। पूरे रोड पर रोडिय़ां ही रोडिय़ां निकल गई हैं। कहीं मजबूती नहीं दिख रही है। एक ही बारिश में यह हाल हो गया तो लगातार बारिश में तो सडक़ दिखेगी भी नहीं।
एसीएस ने लताड़ा एक दिन पहले एक दिन पहले ही अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके गोयल ने पीडब्ल्यूडी व यूआइटी के अधिकारियों को लताड़ा है कि सडक़ों के किनारे पानी भरा है। इस तरह सडक़ें बनाई जाएंगी तो बार-बार टूटेंगी। पानी निकलने का इंतजाम जरूरी है। एरोड्रम रोड पर घटिया इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने की शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं। जिला कलक्टर मामले की जांच कर रिपोर्ट करेंगे। इसी तरह वहां भी बजट ठिकाने लगाने का कार्य हुआ है तो जिम्मेदारों पर गाज गिरना तय है।
एनसीआर की सडक़ें भी धंस रही कटी घाटी से एसएमडी तक एनसीआर प्रोजेक्ट के तहत सडक़ बनी है। जो कई जगहों से धंस गई है। यह सडक़ भी करीब दो माह पहले की बनी है। एसएमडी सर्किल के निकट, स्टेडियम के पास सहित कई अन्य जगहों पर सडक़ धंसी है। जिसके कारण एसएमडी के निकट एक बस धंस गई। इन मुख्य रोड के अलावा कॉलोनियों में बुरा हाल है। वहां तो कोई सडक़ ही सलामत नहीं बची है।
अधिकारी ने माना टूट गई सडक़ यह सही है कि अशोका टाकीज से नेहरू गार्डन के बीच बनाई गई नई सडक़ टूट गई है। जो तीन दिन पहले ही बनाई है। लेकिन अभी काम चल रही रहा है। ठेकेदार को भुगतान नहीं किया है। दुबारा से तुरंत बनाने का कार्य कराएंगे।
-श्रीराम मीणा, एक्सइएन, पीडब्ल्यूडी।