अग्रसेन सर्किल पर पहुंचते ही बेतरतीब अतिक्रमण से सामना होता है। यहां से एनईबी थाने तक गाडिय़ा लुहारों के अस्थाई आवास बन चुके हैं। आगे मूंगफली सहित कई तरह की दुकानें लगा ली हैं। रोड पर चलता व्यक्ति कुछ खरीदता है रोड पर ही वाहन खड़ा करता है। ऐसे में मुख्य रोड पर भी रुक जाता है। बीच-बीच में छोटे-बड़े सब तरह के वाहन खड़े होते हैं। मतलब रोड के दोनों तरफ 100 फीट से अधिक जमीन है। जो पूरी तरह अतिक्रमण से अटी पड़ी है।
थाने के सामने वाली रोड पर कियोस्क बने हुए हैं। जो सालों पर पहले यूआईटी ने स्वरोजगार के लिए गरीबों को आवंटित किए थे। लेकिन यहां अधिकतर कियोस्क के आगे बड़ा अतिक्रमण रहता है। हर समय यहां बड़ी संख्या में पिकअप खड़ती मिलती है। जो रोड के ऊपर तक जगह रोके रखते हैं। यह बड़ा अतिक्रमण है। कई जगह खोखे व सब्जी सहित अन्य दुकानें लगती है। जिनके आसपास की जगह भी उनके कब्जे में रहती है।
अग्रसेन सर्किल से एनईबी थाने के बीच में सामने वाली रोड पर दो-तीन जगह कार बाजार लगते हैं। जबकि वहां किसी के पास भी एक कार की जगह नहीं है। यूआईटी के कियोस्क भी मुश्किल से चार बाय तीन फीट के हैं। जिनके छोटी-मोटी दुकान चल सकती हैं लेकिन, कुछ अतिक्रमियों पूरा कार बाजार बना दिया। कार रोड पर ही खड़ी होती हैं। भले ही आने-जाने वालों को जगह मिले या नहीं। किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। जिससे देखकर लगता प्रशासन पूरी तरह लाचार है। जनता की परवाह नहीं है।
अब तो यहां बकरी व मुर्गी के बाड़े भी बन गए हैं। जहां गाडिय़ा लुहार बसे हैं। वे कई तरह के धंधे करने लगे हैं। कुछ बकरी व मुर्गी पालन भी वहीं करते हैं। खुद के रहने की जगह के साथ बकरी के बाड़े भी बना दिए हैं। कुछ बड़े भवनों के आगे साइकिल स्टैण्ड लगा दिए हैं।
अग्रसेन सर्किल सहित शहर के प्रमुख रोड से अतिक्रमण हटाया जाएगा। जिसके लिए सम्बंधित जेईएन व अन्य अधिकारियों को सूचित कर दिया है। जल्दी यूआईटी के स्तर से कार्रवाई की जाएगी। भूगोर वाला रोड रिडकोर का है। उनके साथ मिलकर अतिक्रमण हटाया जाएगा।
प्रमोद शर्मा, अतिक्रमण निरोधक अधिकारी, यूआईटी अलवर