मत्स्य नगर आगार के मुख्य प्रबंधक बसंत पंवार ने बताया कि मत्स्य नगर डिपो की ओर से रविवार शाम तक आठ बसों का संचालन किया गया। एक बस शाहजहांपुर (हरियाणा बॉर्डर) से श्रमिक यात्रियों को भरकर बहरोड़ तक चलाई गई। इसके अलावा सात बसों को संचालन अलवर से उत्तप्रदेश और मध्यप्रदेश बॉर्डर इलाकों तक किया गया। प्रशासन की डिमांड के अनुसार बसों का संचालन किया जाता रहेगा।
उधर, अलवर आगार की मुख्य प्रबंधक की मुख्य प्रबंधक नीशू कटारा ने बताया कि जिला प्रशासन की डिमांड पर अलवर आगार ने रविवार शाम तक छह बसें चलाई। इनमें तीन बसों का उत्तरप्रदेश बॉर्डर, दो बसों का करौली और एक बस का दौसा तक संचालन किया गया। जैसे-जैसे प्रशासन की डिमांड आएगी, उसके अनुसार बसों का संचालन किया जाएगा।
बस स्टैण्ड पर लगी भीड़ जिला प्रशासन की डिमांड पर बसों का संचालन शुरू होने की सूचना मिलने के बाद रविवार सुबह ही काफी श्रमिक परिवार अलवर केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर पहुंच गए और बसों के चलने का इंतजार करने लगे। यात्रियों के अनुसार बसों को भरकर उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश बॉर्डर इलाकों तक भेजा गया। बस स्टैण्ड पर दिनभर श्रमिक यात्रियों की भीड़ लगी रही।
घरों से दूर फंसे श्रमिक परिवार लॉक डाउन के कारण अलवर सहित आसपास जिलों व राज्यों में फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं। इससे लाखों श्रमिक परिवार बेरोजगार हो गए हैं और अन्य जिलों व राज्यों में फंस गए हैं।
पैदल लौट रहे घर काफी श्रमिक परिवार अपने घर के लिए रवाना हो गए हैं। संसाधन नहीं मिलने पर श्रमिक परिवार सैकड़ों किलोमीटर पैदल सफर तय कर रहे हैं। अलवर जिले से भी ऐसे सैकड़ों श्रमिक परिवार गुजर रहे हैं। जिला प्रशासन ने इन श्रमिक परिवारों को छुड़वाने के लिए नि:शुल्क रोडवेज बसों की व्यवस्था की है।