आजीविका के लिए आर्थिक सम्बल जरूरी उप मुख्यमंत्री पायलट ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता दी गई है। जिला कलक्टर व यहां के मंत्री को भी सहायता के लिए बोला है। मृतक के चार छोटी बेटियां हैं। आजीविका चलाने के लिए आर्थिक संबल जरूरी है। प्रशासन पीडि़त परिवार के साथ है और सरकार पीडि़त परिवार की हरसंभव मदद करेगी। इस दौरान श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली, कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा, बलराम यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जांच में पारदर्शिता बरती जाएगी पायलट ने कहा कि भिवाड़ी में नए पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति की है जो गुरुवार से इस मामले में नए सिरे से जांच करेंगे। परिजनों ने उनके सामने मांग रखी कि है कि एफआईआर के अनुसार जांच हो, उन्हें आश्वस्त किया है कि मामले की जांच में पारदर्शिता बरती जाएगी।
क्या था मामला चौपानकी थाना क्षेत्र के झिवाना गांव निवासी हरीश जाटव की कथित मॉब लिंचिंग में हुई मौत के 28 दिन बाद गत गुरुवार रात को उसके दृष्टि बाधित पिता रतीराम जाटव की संदिग्ध परिस्थितियों में विषाक्त पदार्थ खाने से मौत हो गई। इस घटना के बाद मामले ने उस समय तूल पकड़ लिया, जब परिजन मांग पूरी नहीं होने तक रतिराम का पोस्टमार्टम नहीं कराने पर अड गए। पीडि़त के परिजन और भाजपा नेता आरोपियों की गिरफ्तारी, भिवाड़ी एएसपी व डीएसपी के तबादले की मांग, परिवार की आर्थिक मदद सहित मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी सहित अन्य मांगों को लेकर टपूकड़ा सीएचसी के बाहर धरने पर बैठ गए। दो दिन तक धरने पर बैठे लोगों से पुलिस व प्रशासन की वार्ता हुई और तीसरे दिन सुबह दोनों पक्षों में सहमति के बाद रतिराम का पोस्टमार्टम हो सका।