सरिस्का बाघ परियोजना एनसीआर का इकलौता टाइगर रिजर्व है। करीब 1216 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले सरिस्का में बड़ी संख्या में पेड पोधों के साथ ही हजारों की संख्या में वन्यजीव है। सरिस्का में बाघों की निरंतर बढ़ती संख्या ने देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। पर्यटन बढ़ने से सरकार के राजस्व में वृदि्ध के साथ ही आसपास के गांवों में रहने वाले हजारों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष से रोजगार मिला है। यही कारण है कि पर्यटन के क्षेत्र में सरिस्का अलवर जिले के लिए लाइफ लाइन बन गई है।
एनसीआर का प्राण वायु केन्द्र सरिस्का बाघ परियोजना एनसीआर का इकलौता टाइगर रिजर्व है। यहां की हरियाली ऑक्सीजन उत्सर्जन बड़ा स्रोत है। वैसे भी दिल्ली एवं एनसीआर प्रदूषण की समस्या से जूझता रहा है। ऐसे में शुद्ध हवा एवं ऑक्सीजन के लिए सरिस्का बाघ परियोजना का खुशहाल होना जरूरी है।
पर्यटन से मिलता है सरकार को राजस्व वर्ष पर्यटक आय 2016-17 45423 13392901 2017-18 46814 13998393 2018- 19 43241 14238551 2019-20 44841 15457775 2020-21 41375 9579236 2021-22 38802 13453735
योग 260496 80120591 सुरक्षा संसाधनों को मोहताज सरिस्का पदनाम स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त पद सीसीएफ 1 0 1 वन संरक्षक 1 1 0 डीएफओ 3 2 1 एसीएफ 9 1 8
रेंजर प्रथम 4 3 1 रेंजर द्वितीय 9 6 3 वनपाल 12 11 1 सहायक वनपाल 22 17 5 वन रक्षक 133 66 67 सरिस्का में 102 बीट, वन रक्षक 66 ही
सरिस्का में वर्तमान में 102 बीट हैं, जिन पर तीन पारियों में वनरक्षकों की डयूटी अनिवार्य है। ऐसे में सरिस्का के लिए 300 से ज्यादा वनरक्षकों की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में यहां 66 ही तैनात है। इनमें भी कई वन रक्षक कार्यालय कार्य में तैनात है। वहीं महिला वन रक्षक वायरलैस सिस्टम का काम संभालती हैं। इसके अलावा सरिस्का में बाघों की मॉनिटरिंग में एक वन रक्षक को तैनात किया हुआ है। ऐसे में सरिस्का की सुरक्षा के लिए वनरक्षक ही नहीं है। वहीं जंगल की मॉनिटरिंग के लिए सबसे जरूरी एसीएफ के सभी पद खाली है। इसके अलावा अन्य कई पद भी खाली हैं। सरिस्का प्रशासन की ओर से कई बार उच्चाधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन सरिस्का की सुरक्षा के लिए पर्याप्त वनकर्मी नहीं मिल पाए।
हर महीने भेजते हैं रिक्त पदों की सूचना सरिस्का में रिक्त पदों की सूचना विभागीय उच्चाधिकारियों को हर माह स्टेटमेंट में भेजी जाती है। सुदर्शन शर्मा डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना