सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि दोपहर को सरिस्का के भगानी चौकी के पास नए एनीकेट के समीप बाघिन एसटी- 3 के मृत पड़े होने की सूचना मिली। बाद में मौके पर पहुंचकर बाघिन के शव को कब्जे में लिया और सरिस्का मुख्यालय लेकर आए। बाघिन की मौत के असल कारण का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चल सकेगा, लेकिन संभावना है कि उम्रदराज एवं बीमार होने के कारण बाघिन की मौत हुई है।
वर्ष 2009 में रणथंभौर से आई थी सरिस्का बाघिन एसटी-3 को रणथंभौर से 25 फरवरी 2009 को सरिस्का में शिफ्ट किया गया था। बाघिन के 5- 6 दिन पहले पग मार्क नहीं मिल रहे थे। लेकिन रविवार रात को बाघिन एसटी-3 वन कर्मियों को नजर आई थी। यह बाघिन पिछले कुछ दिनों से बीमार भी थी, बाघिन के लीवर में बीमारी थी, जिसका इलाज कराया गया था।
नहीं बढ़ा सकी सरिस्का का कुनबा बाघिन एसटी-3 सरिस्का की पुरानी बाघिनों में एक है, लेकिन इस बाघिन का सरिस्का का कुनबा बढ़ाने में योगदान नहीं रह पाया। करीब साढ़े 16 साल की उम्र के बाद भी वह सरिस्का में एक भी शावक को जन्म नहीं दे सकी।
पैंथर के शिकार की थी शौकीन बाघिन एसटी-3 सरिस्का में पैँथर के शिकार की शौकीन मानी जाती थी। पूर्व में इस बाघिन का मुंह में पैँथर का शव ले जाने का फोटो काफी चर्चित रहा था। वनकर्मियों का कहना है कि यह बाघिन शांत स्वभाव की थी और इसकी साइटिंग भी पर्यटकों को खूब होती थी। इस बाघिन का प्रिय भोजन पैँथर था।
एक साल में बाघों के कुनबे में तीन की कमी सरिस्का के लिए वर्ष 2022 ज्यादा अच्छा नहीं रह पाया। इस साल के शुरू में बाघ एसटी-13 अचानक गायब हो गया, जिसका अभी तक पता नहीं चल सका है। बाद में गत 19 अप्रेल को उम्रदराज बाघ एसटी-6 की मौत हो गई। वहीं सोमवार को फिर उम्रदराज बाघिन एसटी-3 का शव सरिस्का कर्मियों को मिला।
पोस्टमार्टम करा दाह संस्कार किया मेडिकल बोर्ड में शामिल पशु चिकित्सक डॉ डीडी मीणा, डॉ मनोज मीणा, डॉ रामनिवास गुर्जर एवं डॉ अरविंद माथुर ने बाघिन एसटी-3 का पोस्टमार्टम किया। बाद में सरिस्का परिसर में बाघिन के शव का अंतिम संस्कार किया गया। पोस्टमार्टम एवं दाह संस्कार के समय एसडीएम व एसएचओ थानागाजी, जन प्रतिनिधि पेमाराम सैनी, इडीसी अध्यक्ष रामप्रताप मीणा, मनोज सिंह एवं सरिस्का के वनाधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
बाघिन एसटी-3 का कराया पोस्टमार्टम बाघिन एसटी-3 का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा कर पुलिस व प्रशासन अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं अन्य लोगों की उपिस्थति में दाह संस्कार कराया गया। बाघिन की मौत का प्रारंभिक कारण उम्रदराज होना है।
सुदर्शन शर्मा डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना