शिकार गिरोह का राज खुलना अभी बाकी बाघ एसटी-11 के शिकार मामले में सरिस्का प्रशासन अब तक एक मात्र आरोपित भगवान सहाय को गिरफ्तार कर पाया है। मामले में पूछताछ का जरिया सरिस्का प्रशासन के पास केवल गिरफ्तार आरोपित ही है। हालांकि पूर्व में दो बार रिमाण्ड पर लेकर आरोपित भगवान सहाय से पूछताछ व साक्ष्य जुटाने का दावा वनकर्मियों की ओर से किया गया है, लेकिन अब तक बाघ के शिकार में शामिल अन्य लोग एवं घटना में संलिप्त शिकार गिरोह का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। वहीं शिकारी के किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिकार गिरोह या बाघ अंगों की तस्करों से संबंध की जांच भी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में शिकार के मुख्य आरोपित को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के बाद बाघ के शिकार के अन्य राज के बारे में फिलहाल पूछताछ संभव नहीं हो पाएगा। ऐसे में शिकार गिरोह एवं अन्य बड़े तस्करों के बारे में जानकारी जुटाने में व्यवधान आने से बाघ एसटी-11 के शिकार के राज पर पर्दा पडऩे की आशंका है।
आरोपित की कराई चिकित्सा जांच बाघ एस टी-11 की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपित भगवान सहाय प्रजापत का रविवार को थानागाजी अस्पताल में मेडिकल मुआयना कराया। थानागाजी वनपाल सीताराम, वनरक्षक शिम्भूदयाल आदि वनकर्मी गिरफ्तार आरोपित भगवान सहाय प्रजापत को थानागाजी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मेडिकल कराने के लिए लाए। जहां चिकित्सक दीपक शर्मा ने आरोपित भगवान सहाय प्रजापत का मेडिकल किया। जिसमें आरोपित को मामूली बुखार होना पाया गया।
आरोपित के बयान व साक्ष्य के आधार पर करेंगे पता हालांकि सरिस्का प्रशासन का दावा है कि गिरफ्तार आरोपित भगवान सहाय की ओर से दर्ज कराए गए बयानों एवं पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर अब शिकार गिरोह एवं तस्करों से गिरफ्तार आरोपित के संबंधों की जांच की जाएगी।
बाघ एसटी-11 के शिकार मामले में गिरफ्तार आरोपित को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए हैं। आरोपित के न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के बाद भी शिकार गिरोह की संलिप्तता के बारे में जांच जारी रहेगी। जरूरत पडऩे पर आरोपित को फिर से रिमांड पर मांगा जाएगा।
डॉ. गोविंदसागर भारद्वाज, सीसीएफ सरिस्का बाघ परियोजना
डॉ. गोविंदसागर भारद्वाज, सीसीएफ सरिस्का बाघ परियोजना