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sariska tiger problam बाघों पर मंडरा रहे हैं खनन धमाकों से उठे खतरे के बादल

sariska tiger problam दुनिया भर में प्रसिद्ध सरिस्का बाघ परियोजना के पास वैध एवं अवैध खनन की धमक के चलते बाघों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

अलवरAug 19, 2019 / 11:47 pm

Prem Pathak

sariska tiger problam बाघों पर मंडरा रहे हैं खनन धमाकों से उठे खतरे के बादल

 
 

अलवर. sariska tiger problam दुनिया भर में प्रसिद्ध सरिस्का बाघ परियोजना के पास वैध एवं अवैध खनन की धमक के चलते बाघों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट एवं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की बंदिशों के बावजूद सरिस्का की सीमा पर बेरोकटोक वैध एवं अवैध खनन जारी है। इसका खामियाजा सरिस्का के राजा (बाघ) को उठाना पड़ सकता है। सरिस्का की सीमा पर अजबगढ़ रेंज एवं टहला क्षेत्र में करीब 200 स्थानों पर वैध एवं अवैध खनन जारी है। अजबगढ़ रेंज के बुर्जा का तिराहा, सिलीबावड़ी, सानकोटडा, मूण्डली सहित कई स्थानों पर खुद सरिस्का प्रशासन कार्रवाई कर पूर्व में खनन कार्य बंद करा चुका है। वहीं टहला क्षेत्र में ज्यादातर स्थानों पर मार्बल की खानों पर बेरोकटोक खनन जारी है।
पांच बाघों का इलाका

sariska tiger problam सरिस्का में अजबगढ़ रेंज, टहला एवं अन्य खनन क्षेत्रों में बाघ एसटी-6, एसटी-15, एसटी-13, बाघिन एसटी-3, बाघिन एसटी-8 आदि बाघ-बाघिनों की आवाजाही रहती है। यह क्षेत्र ऐसा हैं जहां कदम-कदम पर खनन के लिए विस्फोट की आवाज सुनाई पड़ती रहती है। खनन की यह धमक बाघों के लिए खतरा हो सकती हैं।
नियमों की नहीं होती पालना
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में आदेश दिए कि टाइगर रिजर्व की एक किलोमीटर की परिधि में खनन कार्य नहीं किया जा सकता। वहीं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने वर्ष 2018 में आदेश दिए कि टाइगर रिजर्व की 10 किलोमीटर की परिधि में खनन कार्य पर रोक रहेगी। इन आदेशों के बावजूद सरिस्का की सीमा से एक किलोमीटर परिधि से कम क्षेत्र में खनन कार्य जारी है। वर्तमान में सरिस्का में 11 बाघ-बाघिन एवं 5 शावक हैं। बाघों की प्रवृति एक टैरिटरी से दूसरी में आने-जाने की रहती है। खनन की धमक के चलते जंगल में बढ़ता मानवीय दखल बाघों के कुनबे में वृद्धि में रोडा बन रहा है।
कार्रवाई के लिए कह चुके

सरिस्का की सीमा के पास खनन कार्य रुकवाने एवं सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेशों की पालना के लिए खान विभाग के अधिकारियों को कहा जा चुका है।
सेढूराम यादव
डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना
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