एनटीसीए व डब्ल्यूआईआई ने वर्ष 2018 में देश भर के टाइगर रिजर्व में मैनेजमेंट इफेक्टिव इवलूशन सर्वे किया गया था। सर्वे में टाइगर रिजर्व में बाघों के सुरक्षा इंतजाम, उन्हें पारिस्थितिकी उपलब्ध कराने के लिए बाघ परियोजना में बसे व उससे सटे गांवों के विस्थापन, बफर जोन तथा कोर एरिया में टूरिस्टों का भार वहन करने की क्षमता को मुख्य आधार माना गया था।
सरिस्का से 500 मीटर से कम दूरी पर 61 माइनिंग लीज, मानसून में पर्यटकों के लिए पार्क को खोलने, वन्यजीव चिकित्सक नहीं होने, स्टाफ की कमी, इको सेंसेटिव जोन का नोटिफिकेशन नहीं होने, ग्रामीणों से वनकर्मियों के बेहतर सम्बंध नहीं होने और टाइगर रिजर्व में स्थित होटलों से शुल्क वसूली नहीं होने को भी रेटिंग गिरने का कारण बताया गया है। पिछले साल पैंथर को जलाकर मारने के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने सहित अन्य कारण भी इस सर्वे में सरिस्का के निचले पायदान पर खिसकने की वजह माना गया है।।
सर्वे में मिली 29 कमियां सर्वे में सरिस्का में 29 कमियां पाई गई। सर्वे में रेटिंग गिरने का बड़ा कारण धार्मिक पर्यटन को माना गया है। प्लास्टिक का कचरा बढऩे, प्रतिवर्ष करीब सवा लाख लोगों का सरिस्का में प्रवेश, वाहनों की आवाजाही से पर्यावरण तथा सडक़ों के नुकसान को भी रेटिंग गिरने का कारण बताया गया है। सरिस्का में बसे 26 गांवों का विस्थापन नहीं होने, अवैध चराई, गश्त के मार्गों का एक-दूसरे जुड़ाव नहीं होने को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
चार सर्वे में सरिस्का की स्थिति वर्ष रेटिंग
2005-06——कमजोर
2010-11—— संतोषजनक
2014-15——- अच्छा
2018——- संतोषजनक राजस्थान के टाइगर रिजर्व की रैंकिंग रणथंभौर—– 40 सरिस्का—– 41 मुकुंदरा—— 46 सुधारने के प्रयास शुरू
सरिस्का की रेटिंग आगामी सर्वे में सुधर सके, इसके प्रयास शुरू किए गए हैं। सरिस्का से गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू कर कई परिवारों का विस्थापन कराया गया है। धार्मिक पर्यटकों की जागरुकता के लिए सरिस्का में खाद्य पदार्थ नहीं डालने, पॉलीथिन व अन्य प्लास्टिक कचरा छोडऩे तथा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले अन्य कार्यों को नहीं करने के लिए बोर्ड लगवाए जा रहे हैं। रोड पर भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
घनश्याम प्रसाद शर्मा, सीसीएफ, सरिस्का बाघ परियोजना