सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि बाघ एसटी-20 व 21 के फोटो कैमरा ट्रैप में मिले हैं। उन्होंने बताया कि बाघ एसटी-20 के फोटो अकबरपुर रेंज के सुकोला, डाबली वन क्षेत्र में लगे कैमरे में गत 23 सितम्बर को मिले थे। बाघ की मॉनिटरिंग टीम ने देर रात को इसकी सूचना दी, बाद में इन फोटो की पहचान कराई गई, वहीं बाघ एसटी-21 की फोटो सारुण्डा, धाणक्या वन क्षेत्र में लगे कैमरे में 24 सितम्बर को मिली थी। दोनों बाघों की कैमरा ट्रैप फोटो की शुक्रवार को बाघ एसटी-20 व 21 के रूप में पहचान हुई है।
डीएफओ शर्मा ने बताया कि दोनों बाघ अब अलग-अलग हो गए हैं। दोनों बाघ नए व युवा हैं और कुछ महीने पहले ही अपनी मां बाघिन से अलग हुए थे। इसके बाद से ही दोनों बाघ साथ-साथ घूम रहे थे। पिछली 9 सितम्बर के बाद से दोनों बाघों की साइटिंग व कैमरा ट्रैप में फोटो नहीं मिल रहे थे। बाद में दोनों बाघों सहित अन्य बाघों की मॉनिटरिंग टीम को बाघों की तलाश में लगाया गया था। पिछले कुछ दिनों से दोनों बाघों के पगमार्क मिल रहे थे। इसके बाद पगमार्क वाले क्षेत्रों में कैमरे लगाए गए थे। दोनों बाघ इन्हीं कैमरों में ट्रैप हुए।
बाघ एसटी-20 का क्षेत्र सुरक्षित, 21 के वन क्षेत्र में दूसरे भी बाघ बाघ एसटी-20 की फोटो जिस वन क्षेत्र में मिली है, वहां कैमरा ट्रैप लगे होने व अन्य संसाधन होने सुरक्षित है। साथ ही वहां संभवत: कोई दूसरा बाघ भी अभी नहीं है, लेकिन बाघ एसटी-21 के क्षेत्र में बाघ एसटी-6 व 15 भी घूम रहे हैं। इस कारण बाघ एसटी-21 की अन्य बाघों से संघर्ष की आशंका है। तीनों बाघों की मॉनिटरिंग टीम को उनकी निरंतर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। डीएफओ ने बताया कि वैसे वन्यजीवों पर रोक लगाना संभव नहीं रहता, लेकिन सतत निगरानी से हर घटना पर नजर रखी जा सकती है।