सरिस्का को थी काफी उम्मीदें बाघ एसटी-16 से सरिस्का को काफी उम्मीदें थी। यह बाघ सरिस्का का कुनबा बढ़ाने में सक्षम था। बाघ युवा व हस्ट-पुस्ट था। सरिस्का के केवल दो बाघ की कुनबा बढ़ाने में सक्षम थे। सरिस्का में बाघिन की संख्या बाघों से अधिक थी, ऐसे में संतुलन नहीं बैठ पा रहा था। सरिस्का प्रशासन ने रणथम्भौर से नर बाघ की मांग की थी, सरिस्का की मांग पर रणथम्भौर से बाघ एसटी-75 को सरिस्का भेजा गया था। करीब सात साल का यह बाघ बाघिन (सुंदरी) टी-17 की संतान था। 200 किलोग्राम से ज्यादा वजन के इस बाघ की लंबाई 296 सेंटीमीटर व ऊंचाई 122 सेंटीमीटर है। बाघ का सरिस्का में नाम एसटी-16 रखा गया था। अब बाघ की मौत सरिस्का प्रशासन व वन्यजीव प्रेमियों के लिए बुरी खबर है।
आफत में सरिस्का! सरिस्का नेशनल पार्क आफत में है। पिछले साल की सरिस्का 2 बाघ व एक बाघिन को खो चुका है। इस बाघ के आने से सरिस्का प्रशासन को उम्मीद जगी थी, लेकिन गर्मी के कारण बाघ की मौत से सभी को झटका लगा है। पत्रिका समय-समय पर सरिस्का प्रशासन को चेताता रहा है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते एक और बाघ सरिस्का से कम हो गया है।