गत छह महीने से ज्यादा समय से गायब चल रही बाघिन एसटी-5 सरिस्का प्रशासन के लिए अबूझ पहेली बन गई है। लगातार प्रयास के बाद भी बाघिन एसटी-5 का अब तक पता नहीं चल पाया है। इस कारण बाघिन के गायब होने की जांच भी रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। पिछले दिनों अकबरपुर रेंज में बाघिन के गायब होने की रिपोर्ट वन अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी। यही कारण है कि सरिस्का प्रशासन की आस अब देहरादून से मिलने वाली रिपोर्ट पर टिकी है।
कुएं में मिला था बिल्ली प्रजाति का कंकाल बाघिन की तलाश में पिछले दिनों सरिस्का प्रशासन ने दबिश देकर शिकारियों को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ के आधार पर दो कुओं से वन्यजीवों की हड्डियां व कंकाल बरामद किया था। बरामद कंकाल में बड़ी बिल्ली प्रजाति (बाघ या पैंथर) के वन्यजीव का कंकाल शामिल था। बाद में सरिस्का प्रशासन ने बड़ी बिल्ली प्रजाति के वन्यजीव की 67 हड्डियां व अन्य अवशेषों की अलग-अलग जांच के लिए सेम्पल भारतीय वन्यजीव संस्थान की प्रयोगशाला भेजे। लैब में सेम्पलों की डीएनए जांच की गई है। देहरादून स्थित प्रयोगशाला में सेम्पलों की जांच रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है। जल्द ही यह रिपोर्ट सरिस्का भेजी जाएगी।
जांच रिपोर्ट पर टिकी आस सरिस्का प्रशासन की बाघिन एसटी- 5 को लेकर बड़ी आस देहरादून से मिलने वाली डीएनए रिपोर्ट पर टिकी है। इसका कारण है कि कुएं में पाए गए अवशेष बड़ी बिल्ली प्रजाति के हैं और जिनमें मुख्यत: टाइगर व पैंथर शामिल है। सरिस्का प्रशासन को उम्मीद है कि इन अवशेषों में बाघिन एसटी-5 की हड्डियां भी शामिल हो
सकती है।
जांच रिपोर्ट तैयार सरिस्का से भेजी गई हड्डियां व अन्य अवशेषों की जांच रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। जल्द ही यह रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है। जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चल सकेगा कि सेम्पलों में बाघिन एसटी-५ के अवशेष है या नहीं।
हेमंत सिंह,डीएफओ, सरिस्का बाघ परियोजना