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ऑनलाइन के फेर में पर्यटकों की जेब हो रही खाली, सरिस्का में पर्यटकों को हो रही यह परेशानी, आप भी जानिए

locationअलवरPublished: Apr 24, 2019 04:21:01 pm

Submitted by:

Hiren Joshi

सरिस्का में पर्यटकों को ऑनलाइन सुविधा का लालच देकर अधिक पैसे लिए जा रहे हैं।

Sariska Tourists Paying Extra Money For Tiger Safari

ऑनलाइन के फेर में पर्यटकों की जेब हो रही खाली, सरिस्का में पर्यटकों को हो रही यह परेशानी, आप भी जानिए

अलवर. वित्तीय सिस्टम को कैशलेस करने के लिए सरकार तरह-तरह की आकर्षक स्कीम शुरू करने का दावा करती रही है, लेकिन सरिस्का बाघ परियोजना में ऑनलाइन बुकिंग पर्यटकों की जेब पर बोझ बढ़ाने वाली साबित हुई है। ऑनलाइन सफारी पर पर्यटकों को रियायत मिलना तो दूर, बल्कि उन्हें काउंटर फीस से भी ज्यादा राशि चुकानी पड़ रही है।
पर्यटकों को जंगल भ्रमण के लिए सफारी की व्यवस्था है। इसके तहत छह सीटर जिप्सी व 20 सीटर कैंटर के लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से शुल्क निर्धारित किया हुआ है। वर्तमान में सफारी बुकिंग की ऑनलाइन व ऑफ लाइन (काउंटर पर बुकिंग) की व्यवस्था है। नए वित्तीय वर्ष में गत एक अपे्रल से सरिस्का में सफारी के शुल्क में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। यानि सरिस्का स्थित काउंटर बुकिंग कराने पर छह भारतीयों को जिप्सी के लिए 4658 रुपए चुकाने होंगे। वहीं कैंटर में 20 भारतीय को काउंटर पर बुकिंग के लिए 10 हजार 193 रुपए चुकाने होंगे। गत वित्तीय वर्ष में छह भारतीय को जिप्सी के किलए 4572 व कैंटर में 20 भारतीय को 9220 रुपए का भुगतान करना होता था। ऑनलाइन बुकिंग कराने पर वर्तमान में जिप्सी पर काउंटर से 54 रुपए तथा कैंटर पर 743 रुपए ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं। जबकि गत वर्ष 57 रुपए और 110 रुपए ज्यादा देने पड़ रहे थे।
हर साल हजारों पर्यटक

यहां हर साल 50 हजार से ज्यादा पर्यटक भ्रमण को आते हैं। इनमें से करीब 40 प्रतिशत से ज्यादा पर्यटक ऑनलाइन बुकिंग कराते हैं। इससे पर्यटकों को हर साल लाखों रुपए अतिरिक्त देने पड़ रहे हैं।
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