प्रारूप प्रकाशन 28 दिसम्बर को पंचायत चुनाव के तहत बानसूर में मतदाता सूची के प्रारूप का प्रकाशन 28 दिसम्बर को हुआ। सरपंच को 29 दिसम्बर को ही पता चल गया कि मतदाता सूची में उसका नाम नहीं है। उन्होंने प्रगणक के जरिए नाम जोडऩे के लिए प्रपत्र संख्या दो के जरिए आवेदन कर दिया। पटवारी व तहसीलदार की रिपोर्ट सहित आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न किए गए। सरपंच को लगा कि भूलवश ऐसा हुआ होगा इसलिए नाम जोड़ दिया जाएगा। उपखण्ड अधिकारी को भी अवगत कराया गया। 23 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हुआ तो पता चला कि उनका नाम सूची में नहीं है।
सरपंच ब्रिजेन्द्र ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने दबाव में आकर उनका नाम मतदाता सूची से काटा है। परिसीमन की आड़ लेकर काटा नाम असल में 2015 में ही परिसीमन के जरिए सबलपुरा ग्राम पंचायत का गठन किया गया था। इस ग्राम पंचायत के पहले सरपंच ब्रिजेन्द्र बने। पिछले दिनों नया परिसीमन करके ग्राम पंचायत के एक वार्ड को दूसरी ग्राम पंचायत में जोडऩे का प्रयास किया लेकिन, कोर्ट ने उसे रोक दिया। फिर भी सरपंच का नाम काट दिया। अब सबलपुरा ग्राम सरपंच का नाम किसी भी मतदाता सूची में नहीं है।