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अलवर से सरपंचों ने राज्य सरकार पर लगाया यह गंभीर आरोप, प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

locationअलवरPublished: Mar 26, 2018 04:46:58 pm

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर के कोटकासिम ने सरपंचों ने कहा कि सरकार पंचायती राज को खत्म करना चाहती है।

SARPANCH'S OF ALWAR ARE AGAINST GOVERNMENT
अलवर के कोटकासिम में सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष रामफल गुर्जर के नेतृत्व में सरपंचों ने को प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य एवं पंचायती राज्य का संस्थापक राज्य भी है, लेकिन राजस्थान सरकार ने पंचायती राज को राजस्थान में समाप्त करने की ठान ली है। राजस्थान के पंचायत राज में सरपंचों के हितों पर राज्य सरकार द्वारा कुठाराघात किए जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही मनरेगा योजना में सामग्री की राशि है, इसके अलावा श्रमिकों को भी 6 माह से भुगतान नहीं हो रहा है। पंचायत राज में सरपंचों को 29 विभागों की देखरेख का जिम्मा दिया जाना चाहिए था पंचायत राज में ग्रामीण जनता का पलायन रोकने के लिए रोजगार उपलब्ध कराना प्राथमिकता है, लेकिन ठेकेदारों को टेंडर प्रक्रिया लागू कर ग्रामीण जनता को रोजगार से मुक्त किया जा रहा है। ठेकेदार अपनी मशीनरी का उपयोग कर ग्रामीण जनता का रोजगार छीन रहे हैं। आज की महंगाई को देखते हुए पंचायत के मुखिया सरपंच का मानदेय राजस्थान सरकार ने 4000 कर दिया है, जबकि विधायकों का वेतन बढ़ाया जा रहा है, राजस्थान में सरपंचों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है, यह मानदेय नहीं राजस्थान के सरपंचों का अपमान है।
राजस्थान के सरपंच जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से अपने अधिकारों के लिए पंचायत राज को सशक्त करने के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन विभागाधिकारी नई-नई अड़चने पैदा कर रहे हैं। लगातार 4 साल से सरपंचों को संघर्ष के लिए मजबूर कर रखा है। गत 23 फरवरी को मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव ने सरपंच संघ को लिखित में आश्वासन दिया कि आपकी मांगों को मान लिया गया है और 3 दिन के अंदर ही आदेश जारी कर देंगे, लेकिन आज तक एक भी आदेश जारी नहीं किया गया। यह सरपंचों के साथ विश्वासघात किया जा रहा है। सरकार की ओर से आपके द्वारा चलाए जा रहे जन कल्याणकारी योजनाओं जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना व स्वच्छ भारत मिशन योजना है, इन दोनों योजनाओं का राजस्थान सरपंच संघ परेशान होकर ग्रामसभा का बहिष्कार लगातार करता रहा है। फिर भी हमारी सरकार आंखें मूंदकर बैठी है और योजनाओं के पत्र से परिवार संकट में हैं।
पंचायत राज के माध्यम से सरपंच प्रदेश में 70 योजनाओं का नेतृत्व करता है, आज केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार बनी हुई हैं। अगर इसी तरह पंचायती राज के साथ कुठाराघात होता रहा तो सरपंच आक्रोशित रहेंगे। जबरन ई-पंचायत राजस्थान के सरपंचों पर थोपी जा रही है। जिससे राजस्थान का हर सरपंच परेशान है। राजस्थान के सरपंचों का मांग मानने तक विरोध चलता रहेगा। आप से अनुरोध है कि हमारी समस्याओं का समाधान करें। ज्ञापन देने वालों में ग्राम पंचायत पाटन सरपंच कविता, गीता, ओम, दुर्गादेवी, आशा, कोटकासिम सरपंच महावीर आचार्य, पतराम, हेमसिंह गुर्जर, प्रीति सेन, धनपतसिंह यादव, शीलादेवी व मनीषा सहित अनेक सरपंच मौजूद रहे।
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