एशियन खेल प्रतियोगिता में भी जीता गोल्ड मेडल
हाल ही में संपन्न हुई एशियन खेल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले सौरभ चौधरी ने एक बार फिर अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया है। इस बार उन्होंने 52 वे आईएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल जूनियर पुरुष स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता है।
अब बनाया विश्व रिकॉर्ड
चोवा में हो रही इस चैंपियनशिप में सौरव ने जूनियर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है। 16 वर्षीय सौरभ ने 581 के स्कोर के साथ तीसरे नंबर पर फाइनल में जगह बनाई है। फाइनल सीनियर के शॉर्ट में जिस में गोल्ड मेडलिस्ट का निर्णय होना था। उसमें सौरव ने अपने कोरियाई प्रतिद्वंदी होजिन लिंम से 3 अंक की बढ़त ली। फाइनल में 10 का एक शॉट मिस करने के बाद 245 पॉइंट 5 अंकों के साथ जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।
चोवा में हो रही इस चैंपियनशिप में सौरव ने जूनियर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है। 16 वर्षीय सौरभ ने 581 के स्कोर के साथ तीसरे नंबर पर फाइनल में जगह बनाई है। फाइनल सीनियर के शॉर्ट में जिस में गोल्ड मेडलिस्ट का निर्णय होना था। उसमें सौरव ने अपने कोरियाई प्रतिद्वंदी होजिन लिंम से 3 अंक की बढ़त ली। फाइनल में 10 का एक शॉट मिस करने के बाद 245 पॉइंट 5 अंकों के साथ जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।
भारत की झोली में दो मेडल
फाइनल में सौरभ चौधरी ने 5 शॉर्ट की दूसरी सीरीज में लीड ली है। जो निर्णायक साबित हुई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुडकर नहीं देखा। एक वक्त तो ऐसा लग रहा था कि भारत गोल्ड और सिल्वर मेडल दोनों पर कब्जा कर लेगा। लेकिन दूसरे एलिमिनेशन राउंड के बाद चीमा दूसरे नंबर पर रहे। लेकिन पांचवें एलिवेशन सीरीज में 8.3 और 9.4 के निशाने के साथ वे तीसरे नंबर पर खिसक गए। हालांकि भारत की झोली में दो मेडल आए हैं। लेकिन चीमा सिल्वर मेडल से चूक गए और उन्होंने उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
फाइनल में सौरभ चौधरी ने 5 शॉर्ट की दूसरी सीरीज में लीड ली है। जो निर्णायक साबित हुई। इसके बाद उन्होंने पीछे मुडकर नहीं देखा। एक वक्त तो ऐसा लग रहा था कि भारत गोल्ड और सिल्वर मेडल दोनों पर कब्जा कर लेगा। लेकिन दूसरे एलिमिनेशन राउंड के बाद चीमा दूसरे नंबर पर रहे। लेकिन पांचवें एलिवेशन सीरीज में 8.3 और 9.4 के निशाने के साथ वे तीसरे नंबर पर खिसक गए। हालांकि भारत की झोली में दो मेडल आए हैं। लेकिन चीमा सिल्वर मेडल से चूक गए और उन्होंने उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।