गैर सरकारी स्कूलों को मान्यता लेते समय कृषि भूमि को व्यवसायिक भूमि में रूपान्तरण का प्रपत्र लगाना आवश्यक होता है जो सम्बन्धित क्षेत्र का तहसीलदार देता है लेकिन इस नियम की शिक्षा विभाग अनदेखी करता है और धड़ल्ले से मान्यता जारी कर देता है।
प्रदेश में भूमि रूपान्तरण कराए हजारों स्कूलों को मान्यता दी गई है। इन स्कूलों को नियमों के खिलाफ मान्यता दी गई। पिछले कुछ माह पहले ही सरकार ने एक एकड़ से कम जमीन वाले स्कूलों को भूमि रूपान्तरण से मुक्त कर दिया है। लेकिन पूर्व में नियमों के खिलाफ चलकर मान्यता दी गई।
एक प्रतिशत स्कूलों ने ही भूमि रूपान्तरण कराया आरटीआई कार्यकर्ता दीपेन्द्र आर्य ने जब जिला प्रशासन से बिना भूमि रूपान्तरण कराए स्कूलों की सूची मांगी तो पता लगा कि अलवर जिले में ही एक प्रतिशत स्कूलों ने ही भूमि रूपान्तरण कराया था। ऐसे में सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है।
वर्तमान में ही प्रदेश में हजारों की संख्या में ऐसे स्कूल हैं जिनकी भूमि एक हैक्टेयर से अधिक है लेकिन उन्होंने भूमि रूपान्तरण नहीं करवाया है। प्राइवेट स्कूल संचालक इन नियमों की परवाह तक नहीं करते।
अलवर जिले के मुंडावर तहसील में ही काफी संख्या में स्कूलों को जब भूमि रूपान्तरण नहीं कराने पर तहसीलदार ने नोटिस थमाए तो प्राइवेट स्कूल संचालकों ने उसका जवाब तक नहीं दिया। पूरे प्रदेश में इस तरह के हालात बने हुए हैं।
प्रशासन करें कार्रवाई इस मामले में शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश भर में प्राइवेट स्कूलों की ओर से की जा रही अनियमितताओं के खिलाफ अभियान चलाया जाना चाहिए। इसके लिए प्रशासन, आयकर विभाग और शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से अभियान चलाए। इस मामले में कार्रवाई होने से प्रदेश के करोड़ों अभिभावकों को राहत मिलेगी।
आप भी कर सकते हैं शिकायत यदि प्राइवेट स्कूलों के मामले में आपको कोई अनियमितताएं नजर आ रही है तो आप जागरूक नागरिक होने के नाते इसकी शिकायत शिक्षा विभाग और जिला कलक्टर कार्यालय को करें।
आप इसकी प्रतिलिपि राजस्थान पत्रिका को भी दें जो इसे प्रमुखता से प्रकाशित करेगा। इस मामले में जिला अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष कमलेश सिंघल, सामाजिक कार्यकर्ता गौरव शर्मा और आरटीआई कार्यकर्ता दीपेन्द्र आर्य के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम और प्रारम्भिक को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस मामले में और कई संगठन आगे आने की तैयारी कर रहे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता हरिसिंह सैनी के अनुसार इस मामले में जनहित याचिका लगाई जाएगी और प्रशासन को ज्ञापन सोैंपा जाएगा।