राजकीय रैफरल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. हीरेन्द्र शर्मा व डॉ. अंकित जेटली ने बताया कि शुरू में दी से तीन मरीज आए। लेकिन मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए मामले की जानकारी डिप्टी सीएमएचओ को दी तथा गांव का सर्वे कराया गया। सर्वे के दौरान गांव से सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण उल्टी व दस्त की बीमारी से ग्रसित पाए गए। उल्टी-दस्त की बीमारी का मुख्य कारण गांव में पानी की पाइप लाइन के लीकेज होने तथा गांव के ही गैर सरकारी स्कूल के पास लगे निजी बोर का पुराने कुएं के सटे होने का अंदेशा लगाया गया। गुरुवार को जलदाय विभाग के सहायक अभियंता उमेश मीना तथा कनिष्ठ अभियंता नीतू सैनी ने गांव में बिछी हुई पाइप लाइन से हो रहे पानी के कनेक्शनों का निरीक्षण किया। इस दौरान कई जगह ग्रामीणों की ओर से स्वयं ही कनेक्शन करना होना पाया। उक्त कनेक्शन नालियों से तथा गन्दे पानी से होकर गुजर रहे थे जिनके लीकेज होने पर गन्दे पानी का उनमें रिसाव होना पाया गया।
बुधवार तक हुए सर्वे रिपोर्ट के अनुसार करीब 198 मरीज उल्टी व दस्त की बीमारी से ग्रसित पाए गए। गुरुवार तक करीब 12 बजे तक 17 मरीज उल्टी-दस्त से पीडि़त पाए गए। इस दौरान ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. जितेंद्र बुन्देल भी खेरली सीएचसी चिकित्सक डॉ. रामावतार बंसल के साथ ऐड डिस्पेंसरी पहुंचे। उपखण्ड अधिकारी कठूमर ने जलदाय विभाग के सहायक अभियंता तथा ऐड डिस्पेंसरी के चिकित्सक को पूरी सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। सरपंच रमेश परेवा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से गांव के प्रत्येक घर मे जाकर मरीजों की जानकारी ली गई।