पुलिस महानिदेशक (जेल) कार्यालय से मंगलवार रात डीएसपी संजीव कुमार और शायरसिंह अलवर पहुंचे। जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह मिले और जेल में तलाशी अभियान की कार्ययोजना तैयार की। इसके बाद जयपुर टीम, स्थानीय जेल प्रशासन व पुलिस अधिकारी और जवानों की मदद से रात 11 बजे जेल के भीतर सघन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान बंदियों के बैरक, उनके कपड़ों और सामान की तलाशी ली गई।
तलाशी के दौरान पुलिस अधिकारियों को अलग-अलग बंदियों के कब्जे से 9 मोबाइल और चार सिमकार्ड मिले। इसके अलावा अलग-अलग हिस्सों में दो चार्जर और मोबाइल की इयरफोन लीड बरामद हुई। तलाशी अभियान रात करीब तीन बजे तक जारी रहा। इस सम्बन्ध में जेल प्रशासन की ओर से शहर कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है।
तलाशी के दौरान पुलिस अधिकारियों को अलग-अलग बंदियों के कब्जे से 9 मोबाइल और चार सिमकार्ड मिले। इसके अलावा अलग-अलग हिस्सों में दो चार्जर और मोबाइल की इयरफोन लीड बरामद हुई। तलाशी अभियान रात करीब तीन बजे तक जारी रहा। इस सम्बन्ध में जेल प्रशासन की ओर से शहर कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है।
पूर्व में कई बार मिल चुके हैं मोबाइल अलवर जेल में तलाशी के दौरान बंदियों से मोबाइल मिलने की यह पहली घटना नहीं है। यहां पूर्व में भी कई बार बंदियों से मोबाइल और सिम कार्ड बरामद हो चुके हैं। करीब पांच साल पहले पुलिस ने अलवर जेल में बड़ी कार्रवाई करते हुए डेढ़ दर्जन से ज्यादा मोबाइल बरामद किए थे। इसके बाद भी कई बार जेल से मोबाइल बरामद हो चुके हैं। जेल से लगातार मोबाइल मिलने की घटनाएं सामने आने के बावजूद भी जेल प्रशासन इस पर लगाम नहीं लगा पा रहा है।
कार्रवाई में 80 से 90 अधिकारी और जवान जेल में सघन तलाशी कार्रवाई में जेल अधीक्षक राजेन्द्र कुमार, जेल उपाधीक्षक अजय कुमार, कोतवाल जितेन्द्र सिंह सोलंकी, यातायात प्रभारी बालाराम चौधरी, जेलर चंदन सिंह सहित अन्य अधिकारी और जेल पुलिस के जवानों के अलावा 70 पुलिस जवानों का जाप्ता पुलिस लाइन से मौजूद रहा। कुछ 80 से 90 अधिकारी और जवान कार्रवाई में शामिल रहे।
पहले भी जेल से फोन कर मांगी थी फिरौती अलवर जेल में बंदियों से मारपीट, जेल से फोन कर फिरौती मांगने और वारदातों को अंजाम दिलाने के कई मामले सामने आ चुके हैं। छह दिन पहले 30 अगस्त को ही रामगढ़ के तिलवाड़ निवासी राजकुमार ने जेल में बंद उसके भतीजे रवि से मारपीट और फोन कर 20 हजार रुपए की फिरौती मांगने का मामला कोतवाली थाने में दर्ज कराया है।
समय-समय पर तलाशी ली जाती है जेलों में अवैध सामग्री और मोबाइल आदि की जांच के लिए समय-समय पर तलाशी अभियान चलाया जाता है। इसी के तहत मंगलवार रात अलवर जेल में तलाशी ली गई। जिसमें बंदियों से 9 मोबाइल मिले हैं। जिनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। ये भी पता लगाया जा रहा है कि उन बंदियों के जेल में किन-किन से सम्पर्क है।
– रुपेन्द्र सिंह, पुलिस महानिरीक्षक (जेल), जयपुर।
– रुपेन्द्र सिंह, पुलिस महानिरीक्षक (जेल), जयपुर।
तलाशी में मिले मोबाइल अलवर सेंट्रल जेल में मंगलवार देर रात सघन तलाशी अभियान चलाया
गया। जिसमें बंदियों के
कब्जे और उनके बैरकों से 9 मोबाइल, चार सिमकार्ड, दो चार्जर और एक इयरफोन बरामद हुए। इस सम्बन्ध में कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है।
– अजय यादव, उपाधीक्षक, केन्द्रीय कारागार, अलवर।
गया। जिसमें बंदियों के
कब्जे और उनके बैरकों से 9 मोबाइल, चार सिमकार्ड, दो चार्जर और एक इयरफोन बरामद हुए। इस सम्बन्ध में कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है।
– अजय यादव, उपाधीक्षक, केन्द्रीय कारागार, अलवर।