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सरसों से बढ़ रही भूमिपुत्रों की उम्मीद, कुछ सालों में ही सरसों से दोगुनी हुई आय

सरसों के बाजार भावों ने सरकारी समर्थन मूल्य को पीछे छोड़ दिया है। सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि इसके भाव 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल को भी पार कर गए।

अलवरNov 12, 2021 / 09:21 pm

Hiren Joshi

सरसों से बढ़ रही भूमिपुत्रों की उम्मीद, कुछ सालों में ही सरसों से दोगुनी हुई आय

अलवर. बीते कई वर्षों से देश में सरसों का उत्पादन बढऩे के साथ ही इसके भाव भी कम नहीं हो रहे हैं। किसानों की सरसों एमएसपी से लगभग दुगने भावों में बिक रही है। सरसों ने किसानों के चेहरे पर चमक ला दी है जिसने किसानों के आंदोलन के मुख्य मुद्दे एमएसपी की प्रासंगिकता को ही घेरे में ला दिया है।
देश में इस साल सरसों का रिकार्ड उत्पादन हुआ है जो पिछले साल के मुकाबले 19.33 फीसदी अधिक है। हमारे देश में 2019-20 में सरसों का उत्पादन 75 लाख टन हुआ था जो बढकऱ 90 लाख टन हेा गया। इसके बावजूद सरसों के भाव निरन्तर बढ़ते गए। अक्टूबर 2021 में सरसों के भाव 7900 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक रहे जिनके घटने की संभावना फिलहाल नहीं है।
एमएसपी को पीछे छोड़ा-

सरसों के बाजार भावों ने सरकारी समर्थन मूल्य को पीछे छोड़ दिया है। सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि इसके भाव 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल को भी पार कर गए। इस हिसाब से समर्थन मूल्य की बात ही बेमानी साबित हो रही है। इससे सरसों किसानों के चेहरे पर खुशी ला रही है, वहीं सरकार किसानों के आंदोलन में यह तर्क दे रही है कि सरसों के भाव समर्थन मूल्य से कहीं अधिक है तो इतने बड़े आंदोलन की जरूरत ही क्या है।
सरसों के भाव कम होने के आसार नहीं-

खाद्य तेलों के जानकार अजय आनंद गोयल बताते हैं कि पिछले तीन सालों में सरसों तेल का पूरा परिदृश्य बदल गया है। कोरोना काल के बाद देश में शुद्ध तेल की मांग तेजी से बढ़ी है। शुद्ध तेल के नाम पर सरसों के तेल का नाम ही प्रमुखता से लिया जाता है। दूसरा यह है कि हमारे देश में 70 हजार करोड़ के खाद्य तेलों का आयात किया जाता है। इस हिसाब से सरसों तेल के भाव कम नहीं होंगे तो सरसों के भाव भी स्वाभाविक रूप से ऊंचे रहेंगे। सरसों के भाव 2017 में 3500 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल थे। मार्च 2021 में भाव 5300 से 5400 रुपए थे और अक्टूबर 2021 में भाव 7900 से 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल हो गए।
खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिए सरकार ने केंद्र राष्ट्रीय तिलहन मिशन शुरू किया है। इस पर पांच साल में करीब 19 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। भारत सरकार सरकार 14 मिलियन टन सरसों उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए काम कर रही है।
यह है सरसों का खेल-

– सरसों का समर्थन मूल्य 4650 रुपए प्रति क्विंटल हैं।
– सरसों के बाजार मूल्य इस साल 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल को पार कर गए थे जो अब 7800 रुपए हैं।
– देश भर में 2021 में सरसों का उत्पादन 90 लाख टन हुआ था।
– इस साल सरसों का उत्पादन 95 लाख टन होने की उम्मीद है।
-सरसों के भाव 2011 में 2390 रुपए से 2450 रुपए प्रति क्विंटल रहे।
-सरसों के भाव नवम्बर 20 में 5700 रुपए प्रति क्विंटल पर रहे।
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