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पंजाबी समाज की सेवा, सभी के लिए अनुकरणीय

locationअलवरPublished: May 20, 2020 10:06:40 am

Submitted by:

Dharmendra Adlakha

अलवर जिले के पंजाबी खत्री समाज ने कोरोना महामारी के संकट के समय सेवा के माध्यम से सभी के लिए अनुकरणीय कार्य किया है जिसे भूलाया नहीं जा सकता। समाज की सभी समाज सेवी संस्थाओं के बैनर तले किसी ने राशन काट बांटे तो कोई अस्पताल में पीपीई किट और कूलर देकर आए।

पंजाबी समाज की सेवा, सभी के लिए अनुकरणीय

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अलवर जिले के पंजाबी खत्री समाज ने कोरोना महामारी के संकट के समय सेवा के माध्यम से सभी के लिए अनुकरणीय कार्य किया है जिसे भूलाया नहीं जा सकता। समाज की सभी समाज सेवी संस्थाओं के बैनर तले किसी ने राशन काट बांटे तो कोई अस्पताल में पीपीई किट और कूलर देकर आए। अलवर शहर से लेकर हरियाणा के बोर्डर पर फंसे श्रमिकों और भिवाड़ी क्षेत्र में जरूरतमंदों को प्रतिदिन सुबह व शाम जाकर भोजन पहुंचाया जिसकी जितनी सराहना की जाए कम है।
इस समाज ने सेवा भाव से ही अपनी अलग पहचान बनाई है। इन्होंने इंसानों को ही नहीं मूक प्राणियों पशु तक की परवाह की। जिला पुरुषार्थी समिति प्रतिदिन काफी संख्या में राशन किट बिना प्रचार के बांट रही है जिससे सहायता लेने वाले के दिल में हीन भावना नहीं आए। इस समाज के लोग अभी तक सेवा में थके नहीं है। गुरुद्वारों मेंं चल रहे लंगर में इनका सहयोग कोई कम नहीं है। बहुत से दुकानदार शाम 6 बजे बाद दुकानें बंद कर भोजन बांट रहे हैं, इनके लिए समाज सेवा जुनून है। समाज की मुख्य संस्थाओं ने बढ़-चढकऱ काम किया।
पंजाबी समाज के सेवा भावी लोगों से पत्रिका सोशल कनेक्ट के तहत बातचीत की उन्होंने जानकारी व अपनी प्रतिक्रिया इस प्रकार व्यक्त की।

हम सेवा से नहीं डिगे-

लॉक डाउन के पहले दिन से ही पुरुषार्थी समाज के बहुत से संगठन सेवा भावना में लगे रहे और डिगे नहीं। जिला पुरुषार्थी समिति ने ऐसे लोगों की सूची तैयार की जो किसी से सहायता मांग नहीं रहे थे लेकिन उनको जरूरत थी। ऐसे लोगों को हम चुपचाप सहायता देकर आए। कहीं गुरुद्वारा हो या कोरोना फाइट टीम, सभी के साथ हम खड़े थे। हमारा बस एक ही उददेश्य सेवा का था जिसमें हमें कोई यश नहीं चाहिए था। हमारे लोग राधा स्वामी सत्संग, सभी गुरुद्वारे से जुड़े हुए हैं और अपने स्तर पर काम कर रहे थे। हमारे गुरुद्वारे, नारायणी देवी मनोहर लाल छाबड़ा ट्रस्ट, पंजाबी सभा भिवाड़ी, पंजाबी वेलफेयर सोसायटी सहित एक दर्जन संस्थाएं एक मंच पर आ गई और सेवा में लग गई।
– राकेश अरोड़ा, अध्यक्ष, जिला पुरुषार्थी सेवा समिति, अलवर।

भिवाड़ी क्षेत्र में खूब सेवा-

लॉक डाउन से ही हमने भिवाड़ी क्षेत्र के सुदूर गांवों तक जाकर सेवा की। भिवाड़ी में श्रमिकों और उनके परिवारों को भोजन के साथ उनका सभी तरह से ख्याल रखा। प्रशासन के साथ हमने सहयोग करते हुए र्का किया। यहां एक भी व्यक्ति को अभावों के कारण भूखे नहीं सोने दिया। यह हमने प्रयास किया जो अपने आप में अनुकरणीय है।
-अनिल वधवा, प्रेसीडेंट, पंजाबी सभा सोसायटी, भिवाड़ी।

राशन किट ही नहीं दुख में भी भागीदार बने-

लॉक डाउन के समय बिना किसी जाति भेदभाव के हमने काम किया। इस समय हमारी मोक्ष वाहिनी मृतक के शव को श्मशान घाट तक लेकर गई, जब मृतक के परिजन भी उसके हाथ नहीं लगा रहे थे। हमने 2 हजार से अधिक राशन किट बांटे और आर्थिक सहायता दी। हमने प्रयास किया कि हम उस गरीब व जरूरतमंद तक पहुंचे जिसको हमारी जरूरत है।
– दीवान चंद सेतिया, अध्यक्ष, पंजाबी वेलफेयर सोसायटी व सरंक्षक पंजाबी महासंघ।

सेवा से बनाया मुकाम-

पुरुषार्थी समाज ने हमेशा सेवा भावी कार्य किए हैं। हमारे समाज के युवाओं ने खूब सेवा भावी कार्य किए। इसके साथ ही और लोगों को इसके लिए प्रेरित किया। अलवर जिले में समाज की ओर से हजारों राशन किट दिए गए। इसी प्रकार प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों में पूरा साथ दिया जिससे हम इस मुकम पर हैं। हमारी संस्थाओं ने शवों को दाह संस्कार के लिए पहुंचाया और उनकी अस्थियां आज तक सुरक्षित रख रखी हैं। सामान्य चिकित्सालय में कूलर सहित लाखों का सामान पहुंचाया है।
-अशोक आहूजा, समाजसेवी।

हम सेवा में हमेशा आगे खड़े मिलेंगे-

सफाई व पुलिस कर्मियों का सम्मान हो या जरूरत मंदों की सेवा, इन सभी में पंजाबी समाज की सभी संस्थाएं एक मंच पर आ गई और सभी ने खूब सेवा की। इस समय मानवता के प्रति अपना कर्तव्य निभाने का समय था जिसकी परीक्षा में हम सब पास हो गए। हमारे गुरुद्वारे सुखधाम व लाजपत नगर ने दिन-रात एक करके हजारों लोगों को लंगर छकाया। यहां दान देने वालों की कोई कमी नहीं है।
– महेन्द्र तनेजा, संरक्षक, जिला पुरुषार्थी समिति, अलवर।

प्रभु ने हमे अवसर दिया-

कोरोना संक्रमण के समय परमात्मा ने हमें सेवा करने का मौका दिया जिसमें हम सभी ने अपनी सामथ्र्यानुसार कार्य किया। इससे हमें आत्म संतुष्टि मिली है। मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। हम लॉक डाउन के बाद भी गरीबों के साथ हैं और रहेंगे।
-संजीव खत्री, महासचिव, जिला पुरुषार्थी समिति, अलवर।

भिवाड़ी क्षेत्र में सेवा की जरूरत थी-

लॉक डाउन के पहले दिन से ही हमें लगना लगा कि हमें सेवा कार्यों में देर नहीं करनी चाहिए। यह सच है कि पूरे देश में गुरुद्वारों ने सेवा का कीर्तिमान स्थापित किया है। हमने भिवाड़ी क्षेत्र में भी खूब सेव
ा की।
-दिनेश बेदी, मीडिया प्रभारी, पंजाबी सभा सोसायटी, भिवाड़ी।

खैरथल में उल्लेखनीय कार्य-

हमने समाज के ऐसे लोगों की सूची बनाई जो वास्तव में आर्थिक दृष्टि से कमजोर थे लेकिन वो किसी के आगे हाथ नहीं फैला सकते। ऐसे में हमने उनके घर जाकर राशन किट दिए।
-पंकज खुराना, खैरथल।

सभी को साथ लेकर चले-

कोरोना संक्रमण के साथ हमारे लिए एक चुनौती थी कि अपने व्यापार व काम धंधे को दुबारा से कैसे शुरू करें। इसके लिए प्रशासन व राज्य के मुख्यमंत्री से भी बात की और इसमें हम सफल भी हुए।
– रमेश जुनेजा, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार महासंघ, अलवर।

अभी भी सावधानी की आवश्यकता-

कोरोना संकट अभी भी कम नही हुआ है। आने वाले समय में हमें और सावधानी की आवश्यकता है। हम लोगों को समझा रहे हैं कि वे निर्धारित नियमों का पालन करें।
-अनिल कुमार अरोड़ा, उपाध्यक्ष, पुरुषार्थी समिति, अलवर।

महिलाएं भी पीछे नहीं-

पंजाबी समाज की महिलाएं समाजसेवा में किसी तरह से पीछे नहीं रही हैं। हम महिलाओं ने हजारों की संख्या में मास्क बांटे और अस्पताल में पीपीई किट सहित कूलर दिए हैं। हमने कोरोना संक्रमण के समय सेवा भावना सीखी है जो समय की आवश्यकता थी।
– वीना अरोड़ा, अध्यक्ष, फुलकारी क्लब, अलवर।

गोविन्दगढ़ में चलाए सेवा भावी काम-

कोरोना की इस जंग में पंजाबी समाज का एक-एक व्यक्ति सेवा के लिए आगे खड़ा था। हमने गोविन्दगढ़ क्षेत्र में लोगों को राशन किट सहित जरूरत की सारी चीजें पहुंचाई। इस घड़ी में जाति व सम्प्रदाय से ऊपर उठकर काम किया।
– अशोक गुगनानी, जिला सचिव, पंजाबी सेवा समिति, गोविन्दगढ़।

रोटी बनवाई और बांटी-

कुछ लोगों ने मिलकर मनुमार्ग के घरों से रोटी बनवाकर जरूरत मंदों को पहुंचाई। यह कारवां तो बढ़ता चला गया। एक ही दिन में 4 हजार रोटियां बनकर आने लगी जिसे हम सब्जी व आचार के साथ प्रेम व सम्मान के साथ जरूरतमंद को खिलाते।
– संजय बवेजा, समाजसेवी।

मूक प्राणी को भी भूखे नहीं रहने दिया-

हमने इंसानों के लिए सेवा भावी कार्य किए लेकिन मूक प्राणियों गायों व अन्य पशुओं को भूखे नहीं रहने दिया। यहां से भर्तृहरि तक जाकर बंदरों को फल देकर आए। सुबह से शाम तक गायों को चारा खिलाना हमारी नियती बन गया है।
-सौरभ कालरा, अध्यक्ष, गौनंदी सेवा संरक्षण समिति, अलवर।

युवाओ में सेवा की भावना-

पंजाबी समाज के सभी युवाओं में भी बुजुर्गों से सेवा भावना के सुसंस्कार मिले हैं। हमसे जितना बन पड़ता है हम सोचते हैं कि हम अपने आस पास रहने वाले और समाज के लिए क्या कर सकते हैं।
-जसपाल सिंह, अध्यक्ष, पंजाबी समाज खैरथल।

बड़ौदामेव में भी सेवा भावी कार्य हुए-

कोरोना संक्रमण के समय हमने अपने क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए। इस काम में सभी युवा आगे आए जिनका योगदान सराहनीय था। इसमें हमने जरूरत मंद तक राशन पहुंचाया।
-अनिल अरोड़ा, अध्यक्ष, वस्त्र व्यापार कमेटी, बड़ौदामेव।

समय की जरूरत-

भिवाड़ी क्षेत्र में पंजाबी समाज के लोगों ने अपने हाथों से श्रमिकों को खाना दिया। यही नहीं उनकी हर प्रकार की सहायता दी जो समय की जरूरत थी।
-संजय कालड़ा, पंजाबी सभा, भिवाड़ी।

हम हमेशा सेवा को आतुर-

कोरोना की इस लड़ाई में पंजाबी समाज ने एक मंच पर आकर काम किया है। इस समय हम सब कोरोना की लड़ाई को जीतने की ओर है। हम हमेशा सेवा को आतुर हैं।
-गोविन्द चांदना, पूर्व अध्यक्ष, पंजाबी सभा, भिवाड़ी।

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