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शाहजहांपुर किसान आंदोलन ने तोड़ी उद्योग की कमर जाम के कारण जापानी कंपनियों सहित 800 से ज्यादा इकाइयों का काम बंद

locationअलवरPublished: Jan 11, 2021 01:40:57 pm

Submitted by:

Lubhavan

शाहजहांपुर में आंदोलन के चलते नीमराना के जापानी जोन सहित कई इंडस्ट्रीज में काम प्रभावित हुआ है।

Shahjahanpur Border Aandolan: Neemrana Industries Work Affected

शाहजहांपुर किसान आंदोलन ने तोड़ी उद्योग की कमर जाम के कारण जापानी कंपनियों सहित 800 से ज्यादा इकाइयों का काम बंद

अलवर. हरियाणा सीमा शाहजहांपुर सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन सेे नीमराना की अर्थव्यवस्था लगभग थम सी गई है। कोविड के चलते उद्योग अब पूरी तरह संभले थे कि अब इस आंदोलन के चलते इन उद्योगों में उत्पादन काफी घट गया है। इससे नीमराणा क्षेत्र में भारतीय जोन में 379, जापानी जोन में 54, घिलोठ में 24, शाहजहांपुर में 46, बहरोड़ में 105, सोतानाला में 45 व केसवाना में 25 उद्योगों में सीधा असर पड़ रहा है जिसके चलते इनका उत्पादन 80 प्रतिशत कम हो गया है।
उद्योगपति उद्योगों को चलाने के लिए अन्य मार्गो से कच्चे माल को मंगवा रहे हैं जिससे उद्योगों को बहुत अधिक खर्च बढ़ गया है । यहां निर्मित माल को विभिन्न राज्यों में देशों में भेजने की जद्दोजहद कर रहे हैं, किंतु वह भी बहुत ही अधिक लागत पर हो रहा है जिससे उद्योगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसान आंदोलन का लंबे समय तक चलने से इसका संपूर्ण प्रभाव दिल्ली – जयपुर राजमार्ग पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र शाहजहांपुर, घिलोठ, नीमराना, बहरोड़, सोतानाला व केशवाना औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योगों पर हों रहा है। इन सभी औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले कार्मिकों की बसें गुरुग्राम भिवाड़ी या हरियाणा बॉर्डर से होकर आती जाती थी उनका आवागमन अब नहीं हो पा है। जिससे औद्योगिक उत्पादन हेतु पारियों को चलाना सभी उद्योगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है जिससे उद्योगों में करीब 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत उत्पादन रुक गया है।
लघु, सूक्ष्म उद्योग जो हर दिन के ट्रांसपोर्ट पर आधारित है, जिनके पास कच्चे माल एवं निर्मित माल के संग्रहण केन्द्र नहीं है उन सभी छोटे उद्योगों की तो पूर्ण रूप से कमर टूटने लगी है। किसानों ने सम्पूर्ण भारत की जीवन रेखा राष्ट्रीय राजमार्ग-48 को रोक रखा है।
उत्पादन पर प्रभाव-

उद्योगों के स्टॉक में कच्चे सामान की उपलब्धता कम होने की वजह से अब उत्पादन लगभग 40 से 45 प्रतिशत पर ही आ गया है। इन सभी समस्याओं के चलते उद्योगों में मजबूरीवश दस दिन का औद्योगिक इकाइयों में मरम्मत कार्य अवकाश घोषित कर उत्पादन कार्य बंद कर दिया है।
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