scriptशिष्या को घर से अपहृत करके बलात्कार, 20 साल के लिए गया जेल | Shishya kidnapped and raped, jailed for 20 years | Patrika News

शिष्या को घर से अपहृत करके बलात्कार, 20 साल के लिए गया जेल

locationअलवरPublished: Nov 15, 2019 10:00:28 pm

Submitted by:

Subhash Raj

अलवर. गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को तार-तार करने वाले बलात्कारी शिक्षक को अलवर के विशिष्ट न्यायालय पोक्सो एक्ट नम्बर दो ने 20 साल की सजा सुनाई है। बलात्कारी शिक्षक ने 2017 में अपने ही स्कूल की नाबालिग छात्रा से बलात्कार किया था। विशिष्ट लोक अभियोजक रुद्र किशोर सैनी ने बताया कि उद्योग नगर थाना क्षेत्र के एक स्कूल में शिक्षक के पद पर कार्यरत अध्यापक फकरुद्दीन 23 फरवरी 2017 को अपने साथियों की मदद से छात्रा को घर से ले गए और बलात्कार किया।

शिष्या को घर से अपहृत करके बलात्कार, 20 साल के लिए गया जेल

शिष्या को घर से अपहृत करके बलात्कार, 20 साल के लिए गया जेल

न्यायाधीश बलजीत सिंह ने बलात्कारी शिक्षक मुल्तान नगर दिवाकरी निवासी फकरुद्दीन पुत्र जस्सू मेव का दोष सिद्ध होने पर 20 साल की कठोर सजा व 20 हजार रुपए का जुर्माने का आदेश दिया है। न्यायाधीश ने आदेश सुनाते समय कहा कि आरोपी अध्यापक पर नाबालिग को बहला फुसला कर ले जाने तथा उसके साथ बलात्कार करने के गंभीर आरोप प्रमाणित हैं। इस अपराध ने शिक्षक व शिष्या के पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है। उसके प्रति नरमी बरतना न्यायोचित नहीं होगा।
छह साल पहले रिश्वत ली थी, अब दो साल की सजा काटेंगे

अलवर. विशिष्ट न्यायालय ने रिश्वत मामले में जयपुर डिस्कॉम के कनिष्ठ अभियंता एवं लाइनमैन को दोषी मानते हुए दो साल का कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माने की सुनाई है। सजा पाने वाले त्रिवेणी नगर लखनऊ निवासी जयपुर डिस्कॉम चिकानी के तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता मोहम्मद आसिफ खान तथा शिव नगर एनईबी निवासी लाइनमैन गुरुदत्त हैं।
विशिष्ट लोक अभियोजक कमल कुमार शर्मा एवं अशोक कुमार भारद्वाज ने बताया कि 31 अगस्त 2013 को मुडिया खेड़ा निवासी वसीम खां ने एसीबी चौकी अलवर को सूचना दी कि उसके पिता ने बूंद-बूंद सिंचाई योजना के अंतर्गत 10 एचपी के कृषि कनेक्शन के लिए किशनगढ़बास के सहायक अभियंता के समक्ष पत्रावली पेश की थी। उसे तकमीना तैयार करने के लिए चिकानी के कनिष्ठ अभियंता के पास भिजवा दिया। कनिष्ठ अभियंता ने लाइनमैन गुरुदत्त से बात करने को कहा। जिसने पत्रावली मंजूर करने के एवज में सात हजार रुपए की रिश्वत मांगी। बाद में साढ़े चार हजार रुपए देना तय हो गया। जिसका बाद में एसीबी ने सत्यापन कराया। एसीबी टीम ने गुरुदत्त को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। प्रकरण में न्यायाधीश गणेश कुमार ने दोनों को दो साल की सजा सुनाई है।
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