विशिष्ट लोक अभियोजक कमल कुमार शर्मा एवं अशोक कुमार भारद्वाज ने बताया कि 31 अगस्त 2013 को मुडिया खेड़ा निवासी वसीम खां ने एसीबी चौकी अलवर को सूचना दी कि उसके पिता ने बूंद-बूंद सिंचाई योजना के अंतर्गत 10 एचपी के कृषि कनेक्शन के लिए किशनगढ़बास के सहायक अभियंता के समक्ष पत्रावली पेश की थी। उसे तकमीना तैयार करने के लिए चिकानी के कनिष्ठ अभियंता के पास भिजवा दिया। कनिष्ठ अभियंता ने लाइनमैन गुरुदत्त से बात करने को कहा। जिसने पत्रावली मंजूर करने के एवज में सात हजार रुपए की रिश्वत मांगी। बाद में साढ़े चार हजार रुपए देना तय हो गया। जिसका बाद में एसीबी ने सत्यापन कराया। एसीबी टीम ने गुरुदत्त को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। प्रकरण में न्यायाधीश गणेश कुमार ने दोनों को दो साल की सजा सुनाई है।