आम दिन चाय की दुकान शाम 6 बजे बंद हो जाती है, लेकिन हंसली के मालिक का पता नही लगने के कारण वह दिन भर उसकी खोज करता रहा और जब पता नहीं चला तो वह दुकान पर ही इंतजार करता रहा और रात 8 बजे असली मालिक के मिलने पर उसको सोना लौटा दिया। यह सोना करीब 2 लाख रुपए से अधिक का था। सोना वापस मिलते ही मालिक की खुशी का ठिकाना नही था। हुआं यूं कि अलवर शहर के समीप ठेकडा गांव निवासी खुर्शीद के दो बेटों की शादी अगले साल 3 फरवरी को होने वाली है। खुर्शीद ने बताया कि इसके लिए उसने अपनी बहुओं को देने के लिए अलवर के सुनार से 2 – 2 तोला सोने की दो हंसली बनवाई। गुरुवार को गांव से प्याज बेचने के लिए मंडी में आए और प्याज से बेची गई रकम सुनार को दे दी और सोने की हंसली ले ली। इसके लिए सुनार को भी भगतसिंह चौराहा पर ही बुला लिया।
चौराहा के समीप चाय बनाने वाले पंकज सिंधी की दुकान पर ये कुछ देर रूक गए। यहां पर ही दुकानदार पर काम करने वालो प्रदीप जाटव भी बैठा हुआ था। इस बीच एक परिचित के आ जाने के कारण खुर्शीद को बातचीत में हंसली का ध्यान नहीं रहा और वो वहां पर गिर गई। खुर्शीद अपनी गाडी से गांव आ गया। घर जाकर याद आया कि वो हंसली जो सुनार से ली थी वह रास्ते में कहीं गिर गई है। जहां जहां भी रूके उन सभी जगह पर जाकर पूछताछ की लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। अंत में खोजते खोजते चाय वाले की दुकान पर पहुंचें तो वहां दोनों हंसली सुरक्षित रखी हुई मिली। खुर्शीद ने बताया कि उन्हें तो विश्वास ही नहीं हुआ की आज के समय इतने ईमानदार लोग भी है।