आपको बताते चलें कि अलवर जिले के लिए बड़ी समस्या बन चुकी गो तस्करी की घटनाओं से पुलिस, प्रशासन व आमजन ही परेशान नहीं है, बल्कि गोपालन के लिए खोली गई गोशालाएं भी अब गो तस्करी के गोवंश से अटने लगे हैं। नतीजतन गो शालाओं में दुधारु गायों को रखने की जगह कम पडऩे लगी है।
जिले से हरियाणा की सीमा सटी होने के कारण गो तस्करी की घटनाओं पर रोक लगा पाना पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। पुलिस के लिए बड़ी समस्या गो तस्करी में पकड़े जाने वाले गोवंश को छोडऩा है। गो तस्करी में पकड़ा जाने वाला ज्यादातर गोवंश दुधारु नहीं होता। वहीं खेतों में जुताई या बैलगाड़ी के लिए उपयोग का होता है। इस कारण ऐसे गोवंश को ज्यादातर लोग लेने को तैयार नहीं होते। वहीं पुलिस के पास गोवंश को रखने के लिए अलग से स्थान नहीं है। इस कारण गोवंश को गोशालाओं में पहुंचाना पुलिस की मजबूरी है। यही कारण है कि जिले की ज्यादातर बड़ी गोशालाओं में दुधारु गोवंश की कमी होने के साथ ही गो तस्करी के गोवंश की संख्या निरंतर बढ़ रही है।