नक्सलियों को ढेर करने पर गैलेन्ट्री प्रमोशन मिला था शहीद के भाई जयसिंह ने बताया कि लक्ष्मण रविवार के ही वापस ड्यूटी पर गया था और मंगलवार को यह सूचना आ गई।उन्होंने बताया कि लक्ष्मण बीस दिन की छुट्टी लेकर हाल ही घर आया था। उसे साल भर पहले कई नक्सलियों को ढेर करने पर गैलेन्ट्री प्रमोशन मिला था। उसके घर आने पर परिजनों ने उसके प्रमोशन पर खुशी भी जताई थी। गौरतलब है कि लक्ष्मण सीआरपीएफ में हैडकांस्टेबल के पद पर कार्यरत था।
चार साल पहले ही अलवर में बनाया था मकान लक्ष्मण ने करीब चार साल पहले ही अलवर के मोतीनगर में मकान बनाया था। मकान में उसकी पत्नी व बेटा कुणाल एवं बेटी पायल रहते थे। परिजनों के अनुसार उसके बेटा-बेटी एनईबी स्थित सेन्टोस पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं। बेटी पायल कक्षा पांच तथा बेटा कुणाल यूकेजी का छात्र है।