अलवर सहित आसपास के क्षेत्र में आए दिन भू्रण की जांच होने की शिकायतें मिलती है। कई बार पीसीपीएनडीटी टीम की तरफ से अलवर सहित आसपास के क्षेत्र में कार्रवाई भी की गई है। लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग गम्भीर नहीं है। जिले में 90 सोनोग्राफी सेंटर रजिस्ट्रर्ड हैं। इसमें से 70 चालू हालत में हैं। इनमें 82 सोनोग्राफी की मशीन लगी हुई हैं। इनमें से 62 चालू हालत में हैं। जबकि 10 मशीनों के ट्रैकर खराब पड़े हुए हैं। 10 मशीनों की सूचना कुछ दिन पहले जिला कलक्टर को भी दी गई थी। ट्रैकर खराब होने से मशीन में होने वाली जांच का पता नहीं चलता है। ऐसे में भू्रण की जांच भी हो सकती है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
कंपनी ने बनाया ऑन लाइन सॉफ्टवेयर ट्रैकर की सुविधा देने वाली कम्पनी ने आधुनिक सॉफ्टवेयर बनाया है। इसकी मदद से सोनोग्राफी मशीन की प्रत्येक सूचना मिलती है। मशीन स्टार्ट होने व बंद होने, सोनोग्राफी रिपोर्ट, कम्प्यूटर की मैमोरी सहित प्रत्येक जानकारी मिनटों में मिल जाती है।
मशीनों को समय समय पर चैक किया जाता है। अब तो मशीनों को चैक करने के ऑन लाइन सोफ्टवेयर भी आ गए हैं। फिर भी एक बार फिर से मशीनों को चैक करा लिया जाएगा।
डॉ. एसएस अग्रवाल, सीएमएचओ अलवर
डॉ. एसएस अग्रवाल, सीएमएचओ अलवर