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किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीद का इंतजार

locationअलवरPublished: Mar 12, 2018 10:04:47 pm

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर जिले में किसानों को गेहूं और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद का इंतजार है। सरकार ने अलवर जिले में सरसों और गेहूं की खरीद का इंतजार है।

support price in alwar
अलवर जिले में किसानों को गेहूं और सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद का इंतजार है। सरकार ने अलवर जिले में ९ केन्द्रों पर सरसों और गेहूं की खरीद का इंतजार है। किसान समर्थन मूल्य पर ४ हजार रुपए प्रति क्विंटल पर सरसों बेचने की बजाए कृषि उपज मंडियों मंें सस्ते भाव पर बेच रहे हैं।

अलवर कृषि उपज मंडी में इन दिनों ३४०० रुपए से ३८०० रुपए प्रति क्विंटल सरसों के भाव है जबकि इसका समर्थन मूल्य कहीं अधिक है। अलवर कृषि उपज मंडी सहित अलवर जिले की कई मंडियों में सरसों के भाव बढ़ गए हैं। सोमवार को अलवर कृषि उपज मंडी में ही ३५ हजार बोरियों की आवक हुई। गेहूं के भाव भी मंडी में इन दिनों १६०० से १७०० रुपए चल रहे हैं। अलवर जिले के मंडियों में आगामी १५ दिनों में सरसों की आवक और बढ़ जाएगी।
किसान इसलिए बेच रहे मंडी में कृषि जिंस-

किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं व सरसों के बेचने का इंतजार नहीं कर रहे हैं। इनका कहना है कि वे समर्थन मूल्य पर बेचने का इंतजार नहीं कर सकते हैं। इस बारे में किसानों का यह कहना था-
इतने दिन रुक नहीं सकते-

समर्थन मूल्य पर बेचने की इंतजार में किसान अपना माल खेतों में नहीं रख सकते। इस दिनों मौसम में उतार चढाव आ रहा है जिसके कारण कृषि जिंस खराब भी हो सकती है। समर्थन मूल्य पर अभी तो खरीद ही शुरु नहीं हुई है जबकि कृषि उपज मंडी में आवक बहुत बढ़ गई है।

– जीतू चौधरी, युवा किसान नेता।


समर्थन मूल्य पर सरसों व गेहूं के भाव इतने अधिक नहीं है जिसके कारण किसान अपने माल को रोककर रखे। सरकार को समर्थन मूल्य पर इनकी कीमत अधिक रखनी चाहिए जिससे राहत मिल सके। सरकार को समर्थन मूल्य पर एक मार्च से खरीद प्रारम्भ कर देनी चाहिए।
-कुलदीप शर्मा, किसान नेता।

अलवर जिले में समर्थन मूल्य पर किसान अपना माल बेचने में कम विश्वास करते हैं। समर्थन मूल्य की खरीद में किसानों को औपचारिकता अधिक निभानी पड़ती है जिसके कारण वे इसमें माल कम बेचते हैं। थोड़ी सी नमी होने पर रेट कम मिलते हैं जिसके कारण किसान समर्थन मूल्य पर माल नहीं देते हैं।
-रामावतार चौधरी, किसान नेता।

समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए किसानो ंका औपचारिकता अधिक करनी पड़ती है। किसानों को खरीद के समय औपचारिकता कम करनी चाहिए। समर्थन मूल्य और बाजार भाव में अधिक फर्क नहीं है जबकि इसमें अंतर हो तो किसान समर्थन मूल्य पर माल बेच कर आए।
-गणेश चौधरी, किसान।
गेहूं की बुवाई इस साल- २ लाख १५ हजार ६७८ हैक्टेयर में।

गेहूं की बुवाई बीते वर्ष में- २ लाख १३ हजार ११ हैक्टैयर में।

गेहूं का उत्पादन इस साल- ८ लाख ७० हजार ३९४ किलोग्राम।
गेहूं का उत्पादन बीते वर्ष- ७ लाख ७६ हजार ४२७ किलोग्राम।

सरसों की बुवाई इस साल- २ लाख २९ हजार ७१९ हैक्टेयर में।

सरसों की बुवाई बीते वर्ष में- २ लाख ३४ हजार ४२१ हैक्टेयर में।
सरसों का उत्पादन इस साल- ४ लाख ६० हजार ७२ किलोग्राम।

सरसों का उत्पादन बीते वर्ष- ३ लाख ४० हजार ७९४ किलोग्राम।

सरसों की खरीद के केन्द्र-

रामगढ़, राजगढ़, अलवर, खेरली, लक्ष्मणगढ़, बहरोड़ व खैरथल।
गेहूं की खरीद के केन्द्र-

रामगढ़, लक्ष्मणगढ़, बहरोड़, खेरली, राजगढ़, तिजारा, खैरथल व अलवर और बड़ौदामेव।

यहां खरीद केन्द्र खोले जाने का भेजा प्रस्ताव-

कठूमर, नारायणपुर, किशनगढ़बास, बानसूर, मालाखेड़ा और गोविन्दगढ़ ।
पंजीयन कराना होगा अनिवार्य-

किसानों को अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए ई मित्र, क्रय विक्रय सहकारी समिति और खरीद केन्द्र पर पंजीयन करा सकते हैं। किसान राजफेड की वेबसाइट पर अपना पंजीयन कराए।
ये पहचान लानी होगी साथ-

पंजीयन के लिए किसान अपना आधार कार्ड, गिरदावरी, भामाशाह कार्ड, बैंक पास बुक की फोटो कॉपी तथा उपज बेचने के समय की सूचना के लिए मोबाइल नम्बर देना अनिवार्य है।
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