इधर, सामान्य चिकित्सालय में ओपीडी में दिखाने आए सामान्य मरीजों के साथ ही स्वाइन फ़्लू के पीडि़त मरीज भी खड़े रहते हैं। ऐसे में यहां खड़े अन्य मरीजों में भी संक्रमण फैलने की आंशका रहती है।
बानसूर के इसरा का बास में भी दो दिन पहले एक महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी। सोमवार को इस घर की एक अन्य महिला में भी स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखाई दिए तो परिजन सामान्य अस्पताल लेकर आए। परिजनों ने बताया कि डाक्टरों की टीम घर पहुंची थी और यहां पर आस पड़ोस व घर के सभी को टेमी फ्लू की दवा भी दी थी। एक माह में 28 मामले सामने आएचिकित्सालय से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक माह के अंदर जिले में करीब 28 मामले सामने आ चुके है। जबकि दो लोगों की मौत हो चुकी है। ये दोनों ही लोग अलवर शहर से बाहर रह रहे थे।
27425 घरों का किया सर्वे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार से जिले में सघन निरीक्षण अभियान शुरु किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. श्याम सुंदर अग्रवाल ने बताया कि प्रथम दिन जिले में 569 दलों ने 27425 घरों का सर्वे किया। जिसमें 439 बुखार के रोगी एवं 1210 खांसी जुकाम के रोगियों की स्क्रिनिंग की गई। इसके साथ ही 88 स्कूलों में 9128 विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग की गई।
दवाइयों की कमी नहीं स्वाइन फ्लू के लिए वार्ड बना दिया गया है। दवाइयों की कोई कमी नहीं है। यदि मरीज और आते हैं तो बैड की संख्या बढ़ा दी जाएगी। सामान्य चिकित्सालय के कमरा नंबर 8 में स्वाइन फ्लू की ओपीडी चल रही है। यदि इसके बाद भी लोग लापरवाही बरतते हुए सामान्य मरीजों की लाइन में खड़े होते हैं तो यह गलत है।
-डॉ. भगवान सहाय, प्रमुख चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अलवर।