अलवर शहर व आसपास गांवों से बड़ी संख्या में शामिल हुए लोगपुलिस के पुख्ता रहे इंतजाम अलवर. ञ्च पत्रिका. मुस्लिम समाज की ओर से शनिवार को अलवर में मोहर्रम ताजिए निकाले गए। ताजियों को शाम को जेल का चौराहा पर कर्बला के मैदान में सुपुर्द ए खाक किया गया। ताजिए का जुलूस रोड नंबर दो मेव बोर्डिंग से दोपहर को रवाना हुआ। जुलूस में दो ताजिए शामिल थे। बारिश के चलते ताजिए का जुलूस समय से पहले ही रवाना कर दिया गया। इस दौरान मेव समाज के लोग मौजूद रहे। नंगली मोहल्ला में बनाए गए ताजिए को शनिवार को सुबह मेव बोर्डिंग में लाया गया। ताजिए का जुलूस रोड नंबर दो से भगत ङ्क्षसह चौराहा, अंबेडकर चौराहा, जेल का चौराहा होते हुए कर्बला मैदान पर पहुंचा। जुलूस में शामिल होने के लिए आसपास के गांवों के बड़ी संख्या में लोग वाहनों में सवार होकर आए। ताजिए के जुलूस के साथ बड़ी संख्या में समाज के लोग चल रहे थे। मातमी धुन पर ताजिए के आगे पैंक चल रहे थे। ताजिए के पीछे मुस्लिम समाज की महिलाएं चल रही थी। मेव बोर्डिंग से लेकर भगत ङ्क्षसह चौराहा, अंबेडकर चौराहा तक भारी भीड़ रही।
अलवर शहर व आसपास गांवों से बड़ी संख्या में शामिल हुए लोगपुलिस के पुख्ता रहे इंतजाम अलवर. ञ्च पत्रिका. मुस्लिम समाज की ओर से शनिवार को अलवर में मोहर्रम ताजिए निकाले गए। ताजियों को शाम को जेल का चौराहा पर कर्बला के मैदान में सुपुर्द ए खाक किया गया। ताजिए का जुलूस रोड नंबर दो मेव बोर्डिंग से दोपहर को रवाना हुआ। जुलूस में दो ताजिए शामिल थे। बारिश के चलते ताजिए का जुलूस समय से पहले ही रवाना कर दिया गया। इस दौरान मेव समाज के लोग मौजूद रहे। नंगली मोहल्ला में बनाए गए ताजिए को शनिवार को सुबह मेव बोर्डिंग में लाया गया। ताजिए का जुलूस रोड नंबर दो से भगत ङ्क्षसह चौराहा, अंबेडकर चौराहा, जेल का चौराहा होते हुए कर्बला मैदान पर पहुंचा। जुलूस में शामिल होने के लिए आसपास के गांवों के बड़ी संख्या में लोग वाहनों में सवार होकर आए। ताजिए के जुलूस के साथ बड़ी संख्या में समाज के लोग चल रहे थे। मातमी धुन पर ताजिए के आगे पैंक चल रहे थे। ताजिए के पीछे मुस्लिम समाज की महिलाएं चल रही थी। मेव बोर्डिंग से लेकर भगत ङ्क्षसह चौराहा, अंबेडकर चौराहा तक भारी भीड़ रही।