डीएसपी भूपेन्द्र शर्मा व एसएचओ अजीत सिंह ने प्रेस वार्ता कर बताया कि लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र निवासी एक जने ने 04 फरवरी को एक रिपोर्ट दर्ज करा कर बताया कि उसकी नाबालिग बेटी जो की चारा लेने गई थी जो घर लौट कर नहीं आई। पीडि़त ने उसकी बेटी को अज्ञात द्वारा भगाकर ले जाने की आंशका जताई। पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की जांच प्रारम्भ की। पुलिस जांच में गांव की सरकारी विद्यालय में कार्यरत एक वरिष्ठ शिक्षक का नाम सामने आया।
जिस पर पुलिस ने नाबालिग छात्रा की बरामदगी व आरोपी की वरिष्ठ शिक्षक की गिरफ्तारी के लिए आधा दर्जन से अधिक जगहों पर दबिश दी। लेकिन पुलिस को कोई सफलता हासिल नहीं हुई। इस बीच पुलिस ने अलवर शहर, मुण्डावर, सोड़ावास, बहरोड़, जयपुर, टोंक, भरतपुर के अलावा यूपी में कई जगहों दबिश दी। पुलिस ने साईक्लोन सेल से मदद से संदिग्ध व्यक्तियों व पीडि़ता के मोबाइल नम्बरों की डिटेल लेकर संदिग्धों को चिह्नित कर पूछताछ की गई। इस बीच सीडीआर, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार व मुखबिर की सूचना पर नाबालिग छात्रा को यूपी के अलीगढ़ जिले के इंगलास थाना क्षेत्र के ताहरपुर गांव से दस्तयाब किया गया।
बाद में पुलिस ने आरोपी वरिष्ठ शिक्षक के सुभाष चन्द पुत्र रमजूराम निवासी तिनकरूड़ी ( मण्डावर) व हाल निवासी धौलीदूब थाना सदर अलवर, सुरेन्द्र सिंह पुत्र प्रकाश चन्द निवासी ईटेड़ा तथा अनिता पत्नी वीरी सिंह निवासी उसरानी हाल तहारपुर थाना इगलास जिला अलीगढ़ को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस तीनों आरोपियोंं को गुरुवार को न्यायालय में पेश करेगी।
आखिर किस पर विश्वास करें लोग गुरु-शिष्य जैसे पवित्र रिश्ते को तार-तार करने वाले यह समाचार आने के बाद लोग सोचने को मजबूर है कि सबसे से पवित्र माने जाने वाले गुरु- शिष्य के रिश्ते को भी लोग तार तार करने से नहीं चुक रहे है। ऐसेंं में लोग आखिर किस पर विश्वास करें। और सरकारी विद्यालय में हुए इस घटनाक्रम के बाद लोग स्तब्ध है। पुलिस टीम में ये थे शामिल:-उपनिरीक्षक अजीत सिंह, एएसआई चरण सिंह, हैडकांस्टेबल विजय सिंह, हैडकांस्टेबल मुरारीलाल, कांस्टेबल राजवीर सिंह, कांस्टेबल जसराम, कांस्टेबल पंकज कुमार, खेम सिंह व महिला कांस्टेबल प्रीति शामिल थी।