कई सालों से नही किए तबादलें राज्य सरकार के इस कार्यकाल में तृतीय वेतन श्रंृखला के शिक्षकों का तबादला ही नहीं किया है जिसके कारण हजारों की संख्या में शिक्षक अन्य जिलों में परिवार से दूर रह रहे हैं। कई प्रतिबंधित जिलों से तबादला होने की प्रक्रिया वर्षों से प्रारम्भ नहीं हुई है। ये तबादला कई जन प्रतिनिधियों के लिए खुशी लेकर आए हैं जिनके बारे में सब जानते हैं।
ऋषि कुमार, जिलाध्यक्ष, पंचायती राज कर्मचारी संघ, अलवर।
ऋषि कुमार, जिलाध्यक्ष, पंचायती राज कर्मचारी संघ, अलवर।
तबादला नीति ही नहीं प्रदेश में अब तक तबादला नीति ही नहीं बनी है। तबादला नीति नहीं होने का खामियाजा और किसी को नहीं कर्मचारियों को उठाना पड़ता है। सरकार ने तबादला पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है जिसकी आड़ में भष्टाचार बढ़ेगा। इससे कर्मचारियों को कोई फायदा होने वाला नहीं है। पूरे कार्यकाल पॉलिसी की बात करते रहे लेकिन बनाई नहीं गई है।
डीके गुर्जर, जिलाध्यक्ष, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ, अलवर।
डीके गुर्जर, जिलाध्यक्ष, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ, अलवर।
अब हटाए जाएंगे शिक्षक तबादलों पर प्रतिबंध हटने से बहुत से जन प्रतिनिधि कर्मचारियों का तबादला दुर्भावनावश करवाते हैं। इसके चलते कई शिक्षण संस्थाओं में शिक्षक और व्याख्याताओं तथा अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी हो जाएगी। सरकार को तबादला करने से पहले समीक्षा करनी चाहिए। सरकार को शिक्षकों के बारे में सोचना चाहिए। जो हमेशा तबादलों से भयभीत रहते हैं।
वेद प्रकाश कौशिक, जिलाध्यक्ष, स्टार शिक्षक संघ, अलवर।
वेद प्रकाश कौशिक, जिलाध्यक्ष, स्टार शिक्षक संघ, अलवर।
पहले आया नहीं होश, अब जागे राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल में कर्मचारियों के तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटाया है जिससे कोई लाभ नहीं होने वाला है। इससे अराजकता का माहौल बन जाएगा। कर्मचारियों को मजबूरन राजनेताओं की घर चक्कर लगाने होंगे। सरकार को तबादलों पर कभी भी प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए जिससे कर्मचारियों के साथ न्याय हो सके।
खेमचंद सैनी, जिलाध्यक्ष, कानूनगो संघ, अलवर।
खेमचंद सैनी, जिलाध्यक्ष, कानूनगो संघ, अलवर।