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सवारियों से भरे टेम्पो व बाइक की टक्कर, बाइक सवार की मौत

locationअलवरPublished: Nov 17, 2019 01:44:18 am

Submitted by:

Shyam

घायलों ने निजी चिकित्सकों से उपचार करवाया

सवारियों से भरे टेम्पो व बाइक  की टक्कर, बाइक सवार की मौत

मुंडावर. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ततारपुर में घायल का उपचार करते चिकित्साकर्मी।


अलवर. मुंडावर क्षेत्र के ततारपुर गांव स्थित ढकवासन माता मंदिर के पास शनिवार देर शाम को सवारियों से भरे टेम्पू ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार की मौत हो गई। जबकि टेम्पू में सवार सवारियां घायल हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ततारपुर थाना अधिकारी सत्यनारायण गुर्जर मय पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को थाने की गाड़ी से ततारपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जिसमें बाइक सवार सोनू (23) पुत्र पृथ्वी सिंह यादव निवासी ततारपुर को चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। वहीं दुघर्टना में घायल सुंदरी (55) पत्नी किशन ओड राजपूत, सरियम (65)पत्नी अब्दुल खान, सूरती (60)पत्नी अगन ओड राजपूत निवासी सुहेटा तहसील मुंडावर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ततारपुर में उपचार चल रहा है। शेष घायलों ने निजी चिकित्सकों से उपचार करवाया। प्रत्यक्षदशिज़्यों ने बताया की टेंपो में लगभग तीन दर्जन से अधिक मजदूर सवार थे। यह मजदूर सोडावास के पास किसी गांव में कपास के फ ूल तोडऩे की मजदूरी करने गए थे। जो वापस लौट रहे थे। ग्रामीणों ने बताया की मृतक सोनू के पिता पृथ्वी सिंह कि पूर्व में दुर्घटना में मौत हो चुकी है। परिवार में मृतक सोनू सहित दो भाइयों में से सोनू छोटा है। दोनों भाई विवाहित है। मृतक के दो पुत्रियां हैं। दुर्घटना में सोनू की मौत के समाचार मिलते ही कस्बे में शोक की लहर छा गई। सोनू के शव को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ततारपुर के मोर्चरी में रखवाया गया है। घटना के बाद टेम्पो चालक घटनास्थल से फरार हो गया।
अलवर-बहरोड़ सडक़ मार्ग पर आए दिन होती है घटना
अलवर-बहरोड़ रोड पर आए दिन छोटी-बड़ी दुर्घटना होना अब आम बात हो गई है। सार्वजनिक निर्माण विभाग की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है विभाग की लापरवाही के चलते अलवर में रोड मार्ग पर मुख्य सडक़ के अलावा साइड उबड़ खाबड़ है। जगह-जगह सडक़ मार्ग के दोनों ओर ग्रामीणों की ओर से इंधन के लिए कपास की लकडयि़ां, बाजरे की कड़वी के छोर सहित गोबर-कूड़ी आदि लगा रखे हैं। जिससे मुख्य सडक़ के अलावा साइडों में बिल्कुल जगह नहीं होने से दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। विभाग की ओर से दुर्घटना के प्वाइंटों पर संकेतक व डिवायडर नहीं बनाने से भी दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है। सडक़ के दोनों तरफ पेड़ों की कटाई नहीं होने से जगह जगह पेड़ों की टहनियां सडक़ को अवरुद्ध किए हुए हैं।

तीन किलर प्वाइंट, जहां होती है सबसे ज्यादा दुर्घटना
अलवर-बहरोड़ सडक़ मार्ग पर क्षेत्र के ततारपुर गांव के पास खेड़ा-वाली मोड, ढकवासन माता मंदिर मोड, वन विभाग चौकी मोड ं स्थानों पर ज्यादा खड़े तीव्र मोड़ हैं। जिन पर आए दिन दुर्घटनाएं होना आम बात हो गई है। पूर्व में भी दुर्घटनाओं में इन मोड़ों पर लोगों की जाने जा चुकी है लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग ने दुर्घटनाओं से सबक न लेकर न तो इन मोड़ों पर डिवाइडर व संकेतक बनाए और न ही सडक़ का चौडाईकरण किया है।
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