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50 लाख खर्च कर बनाए बस स्टैंड का नहीं हो रहा उपयोग, उपेक्षा का हो रहा है शिकार

समाजकंटकों का बना अड्डा, सात दिवस में शुरू कराने का दिया था विधायक ने आश्वासन
-एक माह गुजर जाने के बाद भी नहीं सुधरे हालात

अलवरOct 01, 2024 / 06:00 pm

Ramkaran Katariya

खेरली. कस्बे में नगर पालिका की ओर से लगभग 50 लाख से अधिक राशि खर्च कर बनवाए गए बस स्टैंड का कुछ भी उपयोग नहीं हो रहा है। यह क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार हो रहा है। बस स्टैंड समाजकंटकों अड्डा बनकर रह गया है। पूर्व में इसे शुरू करने को लेकर विधायक ने उच्च अधिकारियों के साथ बात कर सात दिवस में शुरू कराने का आश्वासन दिया था, जिससे भी लगभग एक माह हो गया है, लेकिन हालात नहीं सुधरे हैं। अब बस स्टैंड शाम होते ही शराबियों का प्रमुख पसंदीदा स्थान बन जाता है। सरकारी राशि का दुरुपयोग हो रहा है।
गौरतलब है कि सबसे पुरानी नगर पालिका एवं सभी सुविधाओं से परिपूर्ण कस्बे में बस स्टैंड की कमी थी, जिसे नगर पालिका ने पूरा करने का प्रयास किया, लेकिन आरोप है कि चालक-परिचालकों की हठधर्मिता एवं विभाग की नाकामी ने बस स्टैंड के भवन को खंडहर होने के लिए छोड़ दिया। जिसे पालिका ने अपने कब्जे में लेकर अन्नपूर्णा रसोई चलाई थी। उसे भी एक माह चला कर बंद कर दिया। अब स्थिति यह है कि जहां बस स्टैंड के मैदान में बसें खड़ी होनी चाहिए थी, वहां मिस्त्री गाड़ियां ठीक करते नजर आते हैं। बिजली निगम के खंभे पड़े दिखाई देते हैं। यहां तक कि लोगों ने अस्थाई रूप से उसे मूत्रालय बना दिया है।
विधायक भी कस्बे निवासी, फिर भी अनदेखी

खेरली परिक्षेत्र में जहां इस बार विधायक कस्बे के ही निवासी है। जिनका कार्यालय एवं निवास कस्बे में स्थित है, वहीं सांसद भी कस्बे से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव समूची की निवासी हैं, जिनका कार्यालय भी कस्बे के बायपास रोड पर ही है। आरोप है कि इनमें से कोई भी बस स्टैंड को बदहाली से निकालने के लिए प्रयत्नशील दिखाई नहीं पड़ रहा है। हालांकि राज्य में भाजपा शासित सरकार एवं भाजपा विधायक होने के नाते कस्बावासी विधायक से अधिक उम्मीद लगाए बैठे हुए है, जो कब पूरी होगी कहा नहीं जा सकता। इस संबंध में सांसद का पक्ष जानने के लिए संपर्क करने पर उनके निजी सहायक ने फोन रिसीव किया। जिन्होंने बैठक में होने की बात कही।
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बोले ये… रोडवेज से राशि वसूल की जानी चाहिए

कस्बा निवासी एडवोकेट जितेंद्र गर्ग ने कहा कि बस स्टैंड की बदहाली के लिए नगर पालिका एवं रोडवेज जिम्मेदार है। नगर पालिका को रोडवेज से पूर्ण अनुबंध कर ही बस स्टैंड बनवाना चाहिए। यदि इसका सदुपयोग नहीं हो रहा हो तो इसके लिए रोडवेज से राशि वसूल की जानी चाहिए।
नगर पालिका अध्यक्ष संजय गीजगढिया का कहना है कि कई बार रोडवेज के कर्मचारियों को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन वे ध्यान नहीं दे रहे हैं। नगर पालिका ने एक ही बस स्टैंड होने के लिए पैसा लगाया था। जिससे कि आमजन को लाभ हो, लेकिन विभाग की ओर से ध्यान नहीं देने के कारण यह उपेक्षा का शिकार हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष नगर पालिका राजकुमार जैन का कहना है कि बस स्टैंड के शुरू नहीं होने में स्थानीय नेताओं में दृढ़ इच्छाशक्ति का अभाव होना है। कांग्रेस सरकार रहते हुए पूर्व विधायक की ओर से भी इसके लिए प्रयास नहीं किया गया। वर्तमान विधायक संभवतः प्रयत्नशील है। एक बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों से बात भी की है।
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बस स्टैंड यहीं पर शीघ्र शुरू होगा

इधर मामले में कठूमर विधायक रमेश खींची का कहना है ​कि मेरी आज ही मुख्य प्रबन्धक से बात हुई है। कांट्रेक्ट पर इसे शुरू करने का विचार चल रहा है। अभी कोई उपयुक्त व्यक्ति नहीं मिल पा रहा है। बस स्टैंड यहीं पर ही शीघ्र शुरू होगा। वहीं मुख्प्र बन्धक रोडवेज अलवर पवन कटारा का कहना है कि बस स्टैंड पर एक कर्मचारी लगाया था, जो बीमार होने के कारण छुट्टी पर चल रहा है। कर्मचारियों की कमी है। कस्बे में यही एक बस स्टैंड रहेगा, जहां से सभी बसें आया-जाया करेंगी।

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