क्षेत्र के लोगों ने निर्माणाधीन भवन को जल्द पूरा करने की मांग उठाई है। उनक कहना है कि मालाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों में रहने वाले युवाओं को क्षेत्रीय स्तर पर ही कॉलेज में पढ़ने के सपने साकार हो, इसके लिए करीब 22 बीघा भूमि में 551 लाख रुपए की लागत से बनने वाला महाविद्यालय का भवन कछुआ चाल से बन रहा है। अब महाविद्यालय भवन निर्माण व चारदीवारी का कार्य की प्रक्रिया पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से शुरू की गई है।
गौरतलब है कि मालाखेड़ा में क्षेत्रवासियों की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में सन 2020 में कॉलेज स्वीकृत किया था। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत जून 2021 में भवन निर्माण के लिए निदेशालय अल्पसंख्यक मामलात विभाग जयपुर से राजकीय महाविद्यालय भवन निर्माण के लिए 551 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई। केंद्र की ओर से 90 फ़ीसदी तथा राज्य की ओर से 10 प्रतिशत अंशदान शामिल रहता है। केंद्र सरकार ने अब गाइड लाइन बदलते हुए केंद्र का हिस्सा 60 फ़ीसदी और राज्य का 40 फ़ीसदी विकास के लिए स्वीकृत किए जाते हैं। कॉलेज भवन के लिए भूमि नि:शुल्क आवंटित हुई थी। जहां निर्माण विकास के लिए 551 लाख रुपए निदेशालय अल्पसंख्यक मामलात जयपुर की ओर से स्वीकृति जारी हो चुकी थी। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए कॉलेज शिक्षा मुहैया हो सकेगी और वह अपना भविष्य संवार सकेंगे। इसके लिए यह महाविद्यालय ग्रामीणों युवाओं का पढ़ने का सपना साकार करेगा।
विद्यार्थियों की मांग क्षेत्र के विद्यार्थियों की मांग है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग को तुरंत ही इस महाविद्यालय का निर्माण कार्य पूरा करना चाहिए। अभी यह है उधारी के भवन में मालाखेड़ा स्थित सीनियर सैकंडरी स्कूल में संचालित है। राजकीय महाविद्यालय मालाखेड़ा के निर्माण अधीन भवन का निरीक्षण वरिष्ठ आईएएस राजन विशाल ने किया और उन्होंने निर्देश दिया है कि इसका निर्माण कार्य समय पर पूरा गुणवत्ता पूर्ण करें। तत्कालीन नोडल अधिकारी महेश गोठवाल ने बताया स्नातक स्तर के कॉलेज में करीब 500 से अधिक छात्र- छात्राएं अध्यनरत हैं। पिछले दिन हुई यहां पर कॉलेज के प्राचार्य को नियुक्ति मिली है।