उल्लेखनीय है कि तीन दिन पूर्व दूल्हे के पिता एवं परिजन सहित मेघवाल समाज के लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर गांव में 21 नवम्बर को बिंदोरी निकालते समय पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। परिजनों ने ज्ञापन में बताया कि गांव के ही सामान्य वर्ग के लोग दलित दूल्हे को घोडी पर बिंदोरी निकालने के लिए धमकी दे रहे है। इसको लेकर प्रशासन ने बुधवार को गांव में सर्वसमाज की बैठक की थी। लेकिन प्रशासन के समक्ष बैठक में धमकी जैसी बात कोई सामने नहीं आई। लेकिन कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए गुरुवार सुबह दूल्हे अजय मेघवाल की बिंदोरी के समय आसपास के कई थानों का पुलिस जाब्ता मौजूद रहा। दूल्हे की बिंदोरी परिजनों की ओर से बैंड बाजे से निकाली गई। इस मौके पर बहरोड़ डीएसपी अतुल साहू, तहसीलदार जगदीश प्रसाद बैरवा, थानाप्रभारी हरसौरा चांद सिंह राठौड़ सहित बहरोड़ एवं ततारपुर से पुलिस जाब्ता बुलवाया गया था। वहीं इसी दौरान मेघवाल समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश डुमोलिया, जिलाध्यक्ष निहाल सिंह, सरपंच बह्मप्रकाश, सरपंच सुनीता सुरेला, ब्लॉक अध्यक्ष सुनील रांगेरा, शेरसिंह सहित कई मेघवाल समाज के लोग मौजूद थे।
इधर, बहरोड़ डीएसपी अतुल साहू ने बताया कि शांतिपूर्वक गांव में दूल्हे की बिंदोरी निकाली गई। जिसके लिए समस्त ग्रामीणों ने सहयोग किया। ग्रामीणों ने आपसी सदभावना का परिचय दिया। इससे एक दिन पूर्व बुधवार को भी गांव बुटेरी में दलित दूल्हे प्रवेश डुमोलिया की बिंदोरी निकाली गई थी। जिसमें राजपूत समाज के कई लोग शामिल हुए।
उधर, यूर्आटी के पूर्व अध्यक्ष देवी सिंह शेखावत स्वयं बुटेरी गांव पहुंचे और दलित दूल्हे की बिंदोरी निकलवाई थी। जिसमें राजपूत समाज के श्रवण सिंह शेखावत, प्रताप सिंह कोथल, कैलाश सहित कई लोग मौजूद रहें। शेखावत ने बताया कि गांव में सभी समाज में आपसी भाईचारा कायम है।