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राजस्थान की इस मंडी में सरसों की आवक सर्वाधिक, सरकारी गोदामों में भी भरी सरसों

locationअलवरPublished: May 18, 2018 11:42:45 am

Submitted by:

Prem Pathak

स्थानीय गेंहू व चने की फसल का जोर कम, 12 महिनें रहती है सरसों की आवक

The highest number of mustard in this market

राजस्थान की इस मंडी में सरसों की आवक सर्वाधिक, सरकारी गोदामों में भी भरी सरसों

अलवर । कृषि उपज मंडी में रबी की फसल आने से मंडी में अच्छी चहल-पहल दिखाई देने लगी है। व्यापारी दिन भर खरीद फरोख्त में व्यस्त रहें। व्यापारी एवं सरकारी खरीद केन्द्र पर जिंसो की लगातार हो रही आवक से गोदाम भरने लगे है। मंडी में किसानों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। जिले की सबसे बड़ी मंडी कहलाने वाली अलवर कृषि उपज मंडी में इन दिनों सरसों की बंपर आवक हो रही है। मंड़ी में नई फसल आने के साथ ही व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर काफी रौनक है। व्यापारियोंं की माने तो मंड़ी में सरसों को छोड़कर अन्य जिंसों की आवक कम है। प्रतिदिन करीब 10 हजार से लेकर 15 हजार बोरी सरसों मंडी पहुंच रही है। फसल के मंडी में पहुंचने के साथ ही किसानों के साधनों से मंडी परिसर में यातायात साधनों की आवाजाही दिनभर बनी रही।
जिंसों के यह रहे भाव

कृषि उपज मंडी में सरसों, गेंहू, चना, जौ सहित अन्य दलहन की भी आवक बनी हुई है। नया गेंहू का भाव मंडी में गुणवत्ता के आधार पर 16 सौ के आस पास रहा। चना 3 हजार 5 सौ के आस पास रहा। जबकि जौ का भाव मंडी में 1340 – 1350 रूपए प्रति क्विंटल बोला गया। सरसों की मंडी में बंपर आवक होने के कारण सरसों के भाव कवालिटी के अनुसार बोले गए। स्थानीय व्यापारियों के अनुसार अलवर मंडी में सरसों की आवक बारह मास बनी रहती है। सीजन पर 10 हजार व आम दिनों में करीब 5 हजार बोरी की आवक बताई है। सरसों के भाव 3500 से 3900 रूपए के मध्य बोला जा रहा है।
समर्थन मूल्य पर भी खरीद

सरकारी खरीद केन्द्र पर सरसों, गेहूं, चना की खरीद को क्रम जारी है। खरीद केन्द्र प्रभारी महेश कुमार ने जानकारी देते हुए बतायो कि सरसों की खरीद सौ रूपए बोनस के साथ 4 हजार रूपए क्विंटल, गेंहू खरीद 1735 रूपए, चना एक सौ 50 रूपए बोनस के साथ 44 सौ रूपए क्विंटल खरीदा गया। सरकारी खरीद केन्द्र पर जिंसों का भाव मंडी भाव से अच्छा होने के कारण किसानों की भीड़ लगी रही।
किसानों को नहीं मिल रहा उचित दाम

मंडी पहुंच रहे किसानों ने समर्थन मूल्य के भाव को नाकाफी बताया। स्थानीय साहडौली से आए किसान ने बताया कि एक किसान से 40 क्विंटल से अधिक माल नहीं लिया जा रहा है। वही उसने फसल भुगतान में समय लगने पर नाराजगी जाहिर की है।
इरफान, किसान साहडौली,अलवर
मंडी में सरसों बेचने आए एक और किसान ने समर्थन मूल्य को लागत के हिसाब से कम बताया। वही समय पर फसल का भुगतान नहीं होने व किसान की पूरी फसल नहीं लेने पर आक्रोश व्यक्त किया है।
पप्पू खां, किसान साहडौली, अलवर

पल्लेदारों को मिला रोजगार
दिनभर ताश के पत्ते पिटने के साथ अन्य मजदूरी कर अपना गुजारा चला रहे थे। अब मंडी में रबी की फसल आने के साथ ही पल्लेदार भी व्यस्त दिखाई दिए। हालात यह है कि अब पल्लेदारों को खाना खाने तक की फुर्सत नहीं मिल रही है। मंडी में सरसों की आ रही बंपर आवक से पल्लेदारों के चेहरे खिले हुए है।
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