दोहली गांव में अपहरण का मामला झूठा निकला
अलवरPublished: Jan 25, 2022 01:34:47 am
षड्यंत्र रचकर फिरौती मांगने व पुलिस को गुमराह करने का मामला दर्ज
दोहली गांव में अपहरण का मामला झूठा निकला
अलवर. रामगढ़ क्षेत्र के ग्राम दोहली में रविवार को एक व्यक्ति के अपहरण मामले में अपहरणकर्ताओं की ओर से दो लाख रुपए की फिरौती मांगने का प्रकरण झूठा साबित हुआ। पुलिस ने जब इस मामले की गहनता से जांच की तो सामने आया कि उस व्यक्ति ने झूठा षड्यंत्र रचकर अपहरण होने व 2 लाख रुपए फिरौती मांगने की बात खुद से ही कही। जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं था। सोमवार को हुए खुलासे के बाद ग्राम दोहली के लोगों ने उस व्यक्ति के खिलाफ षड्यंत्र रचने व पुलिस को गुमराह करने का मामला दर्ज कराया।
ग्राम दोहली निवासी पीडि़त रविंद्र पुत्र राम नारायण जाटव ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी उसके पिता सुबह शौच करने के लिए गए और वापस नहीं लौटे। काफी देर तक घर नहीं लौटने तक पर उसकी तलाश में निकले। कुछ देर बाद पीडि़त के पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया और उसके पिता को छोडऩे के लिए 2 लाख रुपए की फिरौती की मांग की। इसी के साथ उसके पिता को 3 दिन के भीतर जान से मारने की धमकी भी दी। मामला दर्ज होते ही सोमवार को पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया और गहनता से जांच करने लगे। साइबर सेल के सहयोग से रामगढ़ थाना पुलिस ने रामनारायण को क्षेत्र के साद की बैठक के समीप से दस्तयाब कर लिया। जसके बाद सोमवार को दोहली गांव के लोगों ने गांव की बैठक बुला रामनारायण से पूछा कि तुम्हारा किसने अपहरण किया , कोई मारपीट की या नहीं और तुम कहां रहे। इस पर रामनारायण बार-बार अपने बयान बदलता रहा और अंत में सच्चाई बयान करते हुए बताया कि बहादुरपुर गांव के नजदीक साद की बैठक जो कि लालदास बाबा का स्थान है वहां पर श्रमदान कर ईंट पकड़ाने की सेवा कर रहा था। किसी ने भी मेरा अपहरण नहीं किया और नहीं फिरौती मांगी। इस दौरान इस दौरान ग्राम पंचायत दोहली के सरपंच मेव खा, अधिवक्ता राजाराम, ,रामकिसन ,छुटमल, मोरमल,मनोज,नीरज,आजाद,चतर सिंह, बालवीर आदि लोग मौजूद रहे। इस पर गांव में जुड़ी पंचायत ने मनगढ़ंत कहानी बनाने के आरोप में व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराने का निर्णय किया। सोमवार को लोगों ने रामनारायण द्वारा झूठा अपहरण व फिरौती की मांग को लेकर षड्यंत्र रचा गया,जिससे पुलिस भी गुमराह हुई और गांव वाले भी परेशान हुए। इस पर ग्रामीण रामगढ़ थाने पहुंचे और उसके खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया।
षड्यंत्र रचता रामनारायण पहले तो पुलिस प्रशासन व गांव वालों को गुमराह करता रहा। जब इस मामले का पर्दाफाश होता नजर आया तो उसने तबीयत खराब होने का बहाना लगाकर अलवर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गया।