अलवर

सरिस्का पर मंडरा रहा है वायरस का खतरा, भगवान भरोसे बाघ

सरिस्का पर मंडरा रहा है वायरस का खतरा, भगवान भरोसे बाघ

अलवरOct 04, 2019 / 01:45 am

Kailash

सरिस्का पर मंडरा रहा है वायरस का खतरा, भगवान भरोसे बाघ


-सरिस्का पर मंडरा रहा है कैनाइन डिस्टेम्पर वायरस का खतरा
-ना चिकित्सक और ना ही चिकित्सा कक्ष
– सरिस्का बाघ परियोजना के बीमार बाघों का एक्सरे कराना हो तो जयपुर ले जाना मजबूरी
अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना में उस कैनाइन डिस्टेम्पर वायरस का खतरा मंडरा रहा है जो पार्क में बसे गांवों के पालतू कुत्तों में आम है। यह वायरस पिछले वर्ष गुजरात के गिर में २३ सिंहों और हाल ही जयपुर के नाहरगढ़ पार्क में बाघों को मौत के घाट उतार चुका है। वैसे सरिस्का में बाघ भगवान भरोसे ही हैं क्योंकि यहां बाघों के इलाज के लिए एक कक्ष तक नहीं है। इलाज के लिए चिकित्सक तो दूर, यहां वन्यजीवों के इलाज व उनमें फैलने वाले रोगों की मॉनिटरिंग के लिए नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था भी नहीं है।
जिले के १२१३ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले सरिस्का में वर्तमान में ११ बाघ, ५ शावक, १०० से ज्यादा पैंथर, बड़ी संख्या में जरख, सांभर, चीतल, नीलगाय, बंदर, लंगूर सहित दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों की संख्या कई हजार में हैं। इतनी संख्या में वन्यजीवों की मौजूदगी के बावजूद उनके इलाज की व्यवस्था नगण्य है। जरूरत होने पर जयपुर से चिकित्सक बुलाना पड़ता है। यदि बाघ का एक्सरे भी कराना हो तो उसे जयपुर या अन्य बड़ी बाघ परियोजना में ले जाना पड़ता है।
वर्षों से खाली है चिकित्सक का पद
सरिस्का में वन्यजीवों के इलाज के लिए चिकित्सक का पद सृजित है, लेेकिन चिकित्सक की नियुक्ति लंबे समय से नहीं है। वन्यजीव चिकित्सा के लिए नर्स तक नहीं है।

मवेशी व कुत्तों से फैलता है रोग
सरिस्का में बसे गांवों के मवेशियों के पार्क में चराई से बाघ, पैंथर व अन्य वन्यजीवों में टीबी की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। मवेशी यहां के जल स्रोतों में पानी भी पीते हैं। भूखा होने पर बाघ अथवा पैंथर कई बार उनका शिकार भी कर लेता है। मवेशियों को खाने से बाघ को घरेलू मवेशियों में पैदा होने वाले रोगों का संक्रमण होने की आशंका रहती है।
पैंथर व बाघों पर कैनाइन डिस्टेंपर का खतरा
सरिस्का में पैंथर, बाघ, जरख आदि में कैनाइन डिस्टेंपर रोग फैलने का खतरा है। यह रोग कुत्तों से फैलता है और सरिस्का में बड़ी संख्या में कुत्ते हैं। सामान्यत: पैंथर कुत्तों का शिकार करते हैं। वहीं बाघ इलाके में नजर आने पर पैंथर को मार डालते हैं। कई बार बाघ के शिकार के अवशेष को कुत्ते, पैंथर, जरख या अन्य वन्यजीव खाते हैं। इससे कैनाइन डिस्टेंपर रोग का खतरा मंडराता रहता है। यह रोग इतना भयानक है कि पिछले दिनों जयपुर के नाहरगढ़ चिडि़याघर में कई बाघों की मौत हो चुकी है।

Hindi News / Alwar / सरिस्का पर मंडरा रहा है वायरस का खतरा, भगवान भरोसे बाघ

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.