सूत्रों के अनुसार चिकित्सा क्षेत्र में मरीजों की दो तरह की सोनोग्राफी होती है। एक एंटीनेंटल सोनोग्राफी जो गर्भवती की होती है, जिसमें पीसीपीएनडीटी के तहत मरीज को फॉर्म एफ भरना पड़ता है। दूसरी नॉन एंटीनेंटल, जो सामान्य रोगियों के पेट दर्द, स्तन, गले संबंधी गहन जानकारी के लिए होती है।
लक्ष्मणगढ़ सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन नही होने की सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवतियों को उठानी पड़ती है। उन्हें मजबूरन निजी अस्पताल में सोनोग्राफी करवानी पड़ती है या 50 किलोमीटर दूरी पर जिला मुख्यालय पर जाकर सोनोग्राफी करवानी पड़ती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सरकारी अस्पतालों में सोनोग्राफी की सुविधा होनी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र के लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर है, इससे उन्हें काफी फायदा मिलेगा।
आसम खेलदार, लक्ष्मणगढ़। चिकित्सा मंत्री को पत्र लिखेंगे
सायला के सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन की सुविधा नहीं है। सरकारी अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन लगवाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखेंगे।
प्रदीप जैन, भाजपा नेता।
सीएचसी पर सोनोग्राफी मशीन की लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही है। सोनोग्राफी से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मिलती है। सामान्य रोगियों की गले, पेट आदि की सोनोग्राफी करने से बीमारी की गहन जानकारी मिलती है तथा इलाज में आसानी रहती है। अगर अस्पताल के लिए सोनोग्राफी मशीन स्वीकृत हो जाएं तो क्षेत्र के रोगियों को लाभ मिलेगा। रोगियों को सोनोग्राफी जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा।
-डॉ.रूपेंद्र शर्मा, बीसीएमओ, लक्ष्मणगढ़।