अब अलवर लोकसभा सीट पर होने जा रहे उप चुनाव में बानसूर, कठूमर व थानागाजी के सैकड़ों समर्थक व कार्यकर्ता हर दिन नेताओं के प्रचार में घूम रहे हैं। अपनें-अपने नेता के पक्ष में वोट की अपील भी कर रहे हैं। जबकि उनका खुद का वोट अलवर में नहीं है। ऐसा भी नहीं है उन पर कोई बहुत अधिक दबाव है अलवर लोकसभा क्षेत्र में जाकर प्रचार करने का। अपनी स्वेच्छा से अधिक लोग प्रचार में जुटे हुए हैं। न केवल भाजपा व बल्कि कांग्रेस पार्टी के समर्थन में भी बड़ी संख्या में इन विधानसभा क्षेत्र के लोग जनसम्पर्क करने वाले नेताओं के साथ लगे हुए हैं।
दौसा, जयपुर ग्रामीण व भरतपुर में शामिल हो गए लोकसभा क्षेत्र का परिसीमन होने के बाद अलवर जिले का बानसूर विधानसभा क्षेत्र जयपुर ग्रामीण, थानागाजी को दौसा और कठूमर को भरतपुर लोकसभा सीट से जोड़ दिया। परिसीमन के बाद दो लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। अब तीसरा चुनाव 2019 में होगा। इससे पहले अलवर सीट पर यह उप चुनाव होने जा रहा है।
2009 व 2014 में भी वर्ष 2009 व 2014 के चुनाव में भी यहां के मतदाताओं की रुचि अलवर लोकसभा सीट पर हुए चुनावों पर रही। उस समय भी बड़ी संख्या में यहां के मतदाता अलवर लोकसभा सीट पर ल डऩे वाले प्रत्याशियेां के प्रचार में लगे रहे। इन तीनों जगहों पर करीब 7 लाख से अधिक मतदाता हैं। जो अब अलग-अलग लोकसभा सीट में बंट गए हैं। पहले इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं का वोट भी अलवर सीट पर लडऩे वाले प्रत्याशियों के लिए ही डाला जाता था।