अलवर

भाजपा व कांग्रेस की राह में तीसरे मोर्च व निर्दलीयों का कंटीला ताज

अलवर. आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व भाजपा जीत के भले ही दावे करें, लेकिन दोनों ही दलों की सत्ता की राह में तीसरे मोर्चे के दल व निर्दलीयों के कांटे भी बिछे हैं। गत विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे के दलों व निर्दलीय प्रत्याशियों ने जिले के विधानसभा क्षेत्रों में बड़ा उलट फेर किया था। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में फिर प्रमुख दलों को यह खतरा सताने लगा है।

अलवरSep 12, 2018 / 10:17 pm

Prem Pathak

भाजपा व कांग्रेस की राह में तीसरे मोर्च व निर्दलीयों का कंटीला ताज

जिले में वैसे तो विधानसभा चुनाव में प्रमुख टक्कर कांग्रेस व भाजपा के बीच मानी जा रही है, लेकिन कई सीटों पर तीसरे मोर्चे के दल व निर्दलीय भी राजनीतिक ताकत का अहसास कराने की तैयारी में जुटे हैं। तीसरे मोर्चे के दलों व सशक्त निर्दलीयों से दोनों ही दलों के चुनावी रणनीतिकार आशंकित हैं।
पिछली बार कई सीटों पर पड़ा था प्रभाव

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में अलवर जिले के कई विधानसभा क्षेत्रों में तीसरे मोर्चे के दल बसपा, राजपा सहित अन्य निर्दलीयों ने प्रभावी राजनीतिक प्रदर्शन कर प्रमुख दलों का चुनावी गणित डगमगा दिया था। खासकर अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में राजपा को 32543 एवं बसपा को 8366 वोट मिले। जबकि यहां भाजपा व कांग्रेस के बीच जीत का अंतर ही 27 हजार 523 वोटों का रहा। इसी तरह बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. रामचंद्र यादव को 33022 व बलजीत यादव बाटखानी को 35250 वोट मिले, जबकि यहां विजयी प्रत्याशी की जीत का अंतर 18585 रहा। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बसपा ने 7790 वोट लिए, वहीं यहां कांग्रेस व भाजपा के बीच जीत हार का अंतर मात्र 4647 वोटों का रहा। इसी तरह थानागाजी विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय कांतिलाल मीणा ने 48851 वोट लिए, जबकि यहां जीत हार का अंतर 3732 रहा। इसके अलावा मुण्डावर विधानसभा क्षेत्र में बसपा ने 9061, बानसूर में निर्दलीय मुकेश ने 12737 व बसपा 3968 वोट लिए। इसी प्रकार अलवर शहर में बसपा ने 5777 व राजपा ने 17413 वोट लिए। बसपा को किशनगढ़बास में मिले 8530 वोट, तिजारा में 31284 वोट, कठूमर में 4837, थानागाजी में 1149 वोट, बहरोड़ में 1276 वोटों ने भी चुनावी गणित गड़बड़ाने में भूमिका निभाई।
आगामी विधानसभा में भी आशंका कम नहीं

आगामी विधानसभा चुनाव का जिले में आगाज हो चुका है और दोनों ही प्रमुख दल कांग्रेस व भाजपा ने चुनावी तैयारियों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। दोनों ही दलों के नेताओं की ओर से हालांकि जीत के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन अंदरखाने दोनों ही दल तीसरे मोर्चे के दल व निर्दलीय प्रत्याशियों से आशंकित भी है। इस बार जिले में फिर से तीसरे मोर्चे के दल बसपा, भारत वाहिनी पार्टी समेत कई अन्य दल चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी में है। हालांकि पिछले दिनों राजपा का भाजपा में विलय के बाद इस बार प्रमुख दलों को कुछ राहत मिलने की संभावना है।
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