पार्टी के इस निर्णय से भाजपा नेताओं के चेहरे मुरझाए, दबी जुबान में जारी है विरोध
अलवरPublished: Oct 23, 2019 01:11:05 pm
अलवर. निकाय चुनाव में नगर निकाय प्रमुख के लिए सरकार ने भले ही बिन पार्षद चुने ही सभापति पद का चुनाव लडऩे को हरी झंडी दे दी हो, लेकिन भाजपा के अलवर जिला संगठन ने स्थानीय स्तर पर निकाय प्रमुख चुनाव को लेकर चुने हुए पार्षद को ही चेयरमैन का चुनाव लडऩे का निर्णय किया है। हालांकि भाजपा प्रदेश स्तर पर ऐसा कोई फैसला नहीं किया गया है, लेकिन जिला स्तर पर भाजपा संगठन ने अंदरखाने कुछ ऐसा ही तय किया है।
पार्टी के इस निर्णय से भाजपा नेताओं के चेहरे मुरझाए, दबी जुबान में जारी है विरोध
नगर निकायों में चेयरमैन के लिए लॉटरी से आरक्षण तय होने के बाद राजनीतिक पार्टियां निकाय चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुट गई हैं। फिलहाल प्रमुख दलों की नजरें निकाय प्रमुख चुनाव पर टिकी हैं। कांग्रेस व भाजपा की प्राथमिकता अलवर व भिवाड़ी नगर परिषद में बोर्ड बनाने की है। इसी कारण दोनों पार्टियां पार्षदों के साथ ही सभापति चुनाव को लेकर गंभीर हैं।
पार्षदों में से सभापति बनाने का निर्णय: निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने जिला स्तर पर रणनीति तय की है। इसके तहत नगर निकाय प्रमुख का चुनाव केवल चुने हुए पार्षद ही लड़ पाएंगे। राज्य सरकार के आदेश के बावजूद जिला भाजपा ने बिन पार्षद चुने ही सीधे सभापति का उम्मीदवार घोषित करने के बजाय चुने हुए पार्षदों मे से सभापति चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित करने का निर्णय किया है।
पार्टी नेताओं को लडऩा होगा पार्षद का चुनाव: नगर परिषद अलवर, भिवाड़ी में सभापति व नगर पालिका थानागाजी में अध्यक्ष का चुनाव लडऩे के इच्छुक भाजपा नेताओं को पार्टी के स्थानीय संगठन के निर्णयानुसार पहले पार्षद का चुनाव लडऩा अनिवार्य होगा। इस कारण पार्टी के कई नेता अपने लिए सुरक्षित वार्डों की तलाश में जुट गए हैं।
जिला स्तर पर मानस बनाया:निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने जिला स्तर पर सभापति चुनाव के लिए चुने हुए पार्षदों में से उम्मीदवार बनाने का मानस बनाया है। हालांकि यह निर्णय जिला स्तर पर किया है, सभापति पद के टिकट को लेकर अंतिम निर्णय प्रदेश संगठन को करना है। संजयसिंह नरूका, जिलाध्यक्ष, भाजपा अलवर