पूर्व में खण्डहर सा प्रतीत होने वाला ये विद्यालय आज जिलें के सरकारी विद्यालयों में अपनी अलग पहचान लिये है । आज इस विद्यालय में हर एक वो सुविधा है जो एक निजी विद्यालय में भी उपलब्ध नही हो पाती । प्राचार्य कैलाश मीणा ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से विद्यालय में लाखों रूपये का विकास कार्य कराया गया, जिनमें विद्यालय की रंगाई, पुताई, चार दीवारी, कमरों का निर्माण, पानी की टंकी, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय, बच्चों के लिए झूले, रैम्प, लहर भवन, फर्नीचर, विद्यालय परिसर में पौधारोपण, वाटर कूलर, बिजली व नल फिटिंग, कम्प्यूटर, दीवारों पर प्रेरणा देने वाले स्लोगन और वो सभी सुविधाये जो एक विद्यालय में होनी चाहिए सभी ग्रामीणों के सहयोग और सहगल फाउन्डेशन के सहयोग से संभव हो पाई । ग्रामीणों ने भी विद्यालय विकास में कोई कोर कसर नहीं छोडी तो विद्यालय के अध्यापकों ने भी बच्चों की पढाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई जिसका परिणाम ये रहा है विद्यालय की दोनों बोर्ड कक्षाओं का कई वर्ष से लगातार शत प्रतिशत परिणाम रहा ।
दूसरे गांवों में विद्यालय होने के बावजूद गढी पढने आते है बच्चे -गढी स्कूल में सुविधाओं से युक्त भवन एवं पढाई के माहौल से गढी के ही नही आस पास गांवों के लोग भी इसमें पढने को लालायित है । इसका परिणाम ये है कि दूसरे गांवों में स्कूल होने के बावजूद वहाँ के बच्चें गढी स्कूल में पढना पसन्द करते है । करीब 400 की आबादी वाले इस गांव के विद्यालय में 500 छात्रों के करीब नामांकन है जो काबिले तारिफ है ।